जवानों की फायरिंग आत्मरक्षा हेतु ही: लेफ्टनंट जनरल अंबू

पुणे : बॉम्बे सैपर्स की 198वीं वर्षगांठ पर परेड के मुख्य अतिथि के तौर पर पुणे पधारे सेना के नॉर्थ कमांड के प्रमुख लेफ्टनंट जनरल देवराज अंबू ने संवाददाताओं के साथ की गई बातचीत में सेना के जवानों की फायरिंग में आमजनों की मृत्यू की घटना को दुभार्ग्यपूर्ण बताया। साथ ही उन्होंने यह दावा भी किया कि यह फायरिंग जवानों ने आत्मरक्षा और सेना के संसाधनों की रक्षा के लिए की। इस बारे में भले ही स्थानीय प्रशासन ने मामला दर्ज किया है, मगर सेना भी इस मामले की जांच-पड़ताल करेगी और इसकेबाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

जम्मू कश्मीर में सेना के जवानों पर स्थानीय लोगों की भीड़ दौड़ी चली आयी, आत्मरक्षा के लिए ही जवानों ने फायरिंग की। इसके आगे भी ऐसे हालातों में सरकारी मिल्कियतों की रक्षा के लिए सेना कड़े कदम उठाएगी। सीमा पर होनेवाली घुसपैठी और फायरिंग के बारे में उन्होंने कहा, बीते कुछ दिनों में भारतीय सीमा पर फायरिंग की घटनाएं लगातार घट रही हैं। राजुरी क्षेत्र में भी कल पाकिस्तान की ओर से फायरिंग की गई। घुसपैठियों को भारतीय सीमा में दाखिल कराने के उद्देश्य से ही इस तरह की फायरिंग की जा रही है, हांलाकि भारतीय सेना पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे रही है और घुसपैठियों को भी सबक सिखा रही है।

सीमा पर भारतीय सेना की परिस्थिती मजबूत है, हमारे जवान किसी भी हालातों का मुकाबला करने तैयार हैं। जम्मू- कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ लगातार की जा रही कार्रवाईयों से आतंकवाद पर लगाम कसने में सेना को कामयाबी मिलने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि, 2017 में तकरीबन 213 आतंकवादियों को सेना के जवानों ने मार गिराया है। आतंकवादियों का नेतृत्व सीमा के पार से ही किया जा रहा है। सीमा पार से स्थानीय युवकों को भड़काया जा रहा है, उकसाया जा रहा है। हांलाकि उस पर भी काबू रखने में भारतीय सेना को सफलता मिली है। भारतीय सेना सीमा पार की हर गतिविधियों पर नजरें रखे हुए हैं।