इस वित्तीय वर्ष में जारी होने वाली चारों में से यह पहली किश्त है। अन्य 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को फंड जारी करने के लिए अपने प्रस्ताव राष्ट्रीय जल जीवन मिशन को भेजने के लिए कहा गया है।
जल जीवन मिशन के तहत आवंटित केंद्रीय निधियों में से 93 प्रतिशत जल आपूर्ति बुनियादी ढांचे के विकास पर, 5 प्रतिशत समर्थन गतिविधियों पर और 2 प्रतिशत जल गुणवत्ता निगरानी पर उपयोग किया जाना है।
राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में उपलब्ध कराए गए नल के पानी के कनेक्शन और उपलब्ध केंद्रीय निधियों के उपयोग और राज्य के हिस्से के मिलान के आधार पर सरकार द्वारा केंद्रीय निधि जारी की जाती है।
राज्यों को केंद्रीय निधि जारी होने के 15 दिनों के भीतर राज्य के हिस्से के साथ जारी की गई केंद्रीय निधि को एकल नोडल खाते में स्थानांतरित करना होगा।
सरकार द्वारा दी जा रही सर्वोच्च प्राथमिकता के हिस्से के रूप में, जल जीवन मिशन का बजटीय आवंटन 2021, 22 में 50,011 करोड़ रुपये तक बढ़ गया है।
इसके अलावा 15वें वित्त आयोग की ओर से पंचायती राज संस्थाओं को पानी और स्वच्छता सेवाओं के लिए 26,940 करोड़ रुपये का बंधा अनुदान भी उपलब्ध होगा। 2021, 22 में ग्रामीण घरों में नल के पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की योजना है। उम्मीद है कि हर घर जल के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अगले तीन साल तक इस तरह का निवेश जारी रहेगा।
–आईएएनएस
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