हाल ही में कोरोना से ठीक हुए खडसे कथित तौर पर जमीन हड़पने के मामले में पहली बार तलब किए जाने के लगभग तीन सप्ताह बाद दक्षिण मुंबई के ईडी कार्यालय पहुंचे।
पिछले महीने ईडी की एक टीम सबूतों की जांच करने और सौदे में कथित अनियमितताओं से संबंधित दस्तावेज जुटाने के लिए पुणे गई थी, जिसने 2016 में तत्कालीन भाजपा की अगुवाई वाली सरकार में खडसे को मंत्री पद छोड़ने के लिए मजबूर किया था।
इसके बाद, ईडी ने इस मामले में व्हिसल-ब्लोअर एक्टिविस्ट अंजलि दमानिया का बयान दर्ज किया, जिसे लेकर उन्होंने अदालत का रुख किया था।
दमानिया ने जमीन के सौदे के बारे में दस्तावेज और अन्य सबूत भी सौंपे थे, जिसे राज्य भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो ने जांचा था, खडसे को क्लीन चिट दे दी थी और बाद में मामला बंद कर दिया था।
वहीं, खडसे (68), जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में राकांपा में शामिल होने के लिए भाजपा छोड़ दी थी – ने निर्दोष होने का दावा करते हुए कहा कि किसी भी अनियमितता के बिना पूरा लेनदेन बिल्कुल पारदर्शी था।
–आईएएनएस
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