केरल में 140 विधानसभा सीटें हैं।
सत्ताधारी सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा दिसंबर में स्थानीय निकाय चुनावों में विजयी रिकॉर्ड रखने के बाद राज्य में सत्ता बरकरार रखने का प्रयास करेगा, जोकि एक इतिहास होगा।
लेकिन विपक्ष के नेता और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के संभावित मुख्यमंत्री रमेश चेन्निथला ने कहा, इसमें कोई संदेह नहीं है कि जब वोटों की गिनती होगी, यूडीएफ आसानी से जीत दर्ज करेगी।
पूर्व रक्षा मंत्री और तीन बार केरल के मुख्यमंत्री ए.के.एंटनी ने विश्वास जताया कि मई में यूडीएफ की सरकार को शपथ दिलाई जाएगी।
राज्य कांग्रेस के प्रमुख मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने कहा कि केरल में माकपा और भाजपा के बीच 10 सीटों पर एक गुप्त समझौता हुआ है।
रामचंद्रन ने कहा, हम बहुत जल्द अपने उम्मीदवारों की सूची लेकर आएंगे और हमें भरोसा है कि हम जीतेंगे।
भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के पास वर्तमान में सिर्फ एक सीट है और उसके वरिष्ठ नेता एम.टी. रमेश ने टिप्पणी की कि वे चुनाव में भारी बढ़त बनाएंगे।
2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान, कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ ने शानदार जीत दर्ज की। पार्टी ने 20 सीटों में से 19 पर जीत दर्ज की और 47.48 प्रतिशत वोट प्रतिशत हासिल किया। वहीं वाम मार्चा केवल एक सीट जीत पाने में सफल रहा और 36.29 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया। वहीं भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली और उसने 15.64 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किए।
–आईएएनएस
आरएचए/एएनएम