बता दें कि हर साल नवंबर से दिसंबर तक मादा तिब्बती एंटीलोप सहवास कर बच्चे को जन्म देने के लिए अगले साल मई में होहक्सिल स्थित ज्वोनाइ झील और थाईयांग झील जाती हैं। जुलाई से अगस्त तक जन्म देने के बाद वे क्रमश: नर एंटीलोप से मिलने मूल निवास स्थान वापस लौटती हैं।
होहक्सिल प्रबंधन विभाग के प्रधान पूचोउ को मुताबिक, वर्तमान में प्रबंधन विभाग ने तिब्बती एंटीलोपों के प्रवासन की रक्षा के लिए अस्थायी यातायात नियंत्रण, सीटी के निषेध, गश्त और बचाव जैसे प्रभावी कदम उठाए, ताकि प्रवास के दौरान तिब्बती एंटीलोप को कोई परेशानी न हो।
बता दें कि पठारीय एल्फ माने जाने वाले तिब्बती एंटीलोप राष्ट्र स्तरीय प्रथम श्रेणी के संरक्षित जानवर हैं, जो मुख्य तौर पर छिंगहाई प्रांत के होहक्सिल, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के छ्यांगथान और शिनच्यांग उईगुर स्वायत्त प्रदेश के आल्चिन पर्वत आदि प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
चीनी राष्ट्रीय वन और घास के मैदान महा ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, इधर के सालों में चीन में जंगली जानवरों के संरक्षण पर जोर दिया जा रहा है। जंगली तिब्बती एंटीलोपों की संख्या गत शताब्दी के 90 के दशक के शुरू में 70 हजार से कम थी, वर्तमान में यह संख्या करीब 3 लाख पहुंच चुकी है।
(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस
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