चीन की विकास संभावनाएं, खुलापन विदेशी निवेश आकर्षित करता रहेगा : ओईसीडी विशेषज्ञ

बीजिंग, 4 मई (आईएएनएस)। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के चाइना पॉलिसी रिसर्च ऑफिस के निदेशक मार्गिट मोल्नर ने 3 मई को शिन्हुआ न्यूज एजेंसी को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि पिछले साल चीन अमेरिका को पीछे छोड़कर दुनिया में सबसे बड़ा विदेशी निवेश का प्राप्तकर्ता देश बना, जिसका श्रेय महामारी की अच्छी तरह से रोकथाम व नियंत्रण और कई उद्योगों के तेज खुलेपन को जाता है। चीन की अच्छी विकास संभावनाओं और आगे खुलेपन से चीन को विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी।

ओईसीडी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, महामारी के प्रभाव से 2020 में वैश्विक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का कुल पैमाना 8.46 खरब डॉलर था, जो पिछले वर्ष से 38 प्रतिशत कम रहा और 2005 के बाद सबसे निचले स्तर पर रहा। लेकिन उनमें चीन में आया एफडीआई 14 प्रतिशत बढ़कर 2.12 खरब डॉलर तक पहुंचा, जबकि अमेरिका में एफडीआई 37 प्रतिशत घटकर 1.77 खरब डॉलर हो गया।

मोल्नर ने कहा कि महामारी को काबू में लाने के बाद चीन का आर्थिक विकास तेजी से बहाल हुआ। इसलिए चीन एफडीआई के लिए एक अधिक यथार्थवादी गंतव्य बन गया। खुलेपन को और आगे बढ़ाना चीन के लिए विदेशी निवेश को आकर्षित करने का एक और महत्वपूर्ण कारक है। आंकड़े बताते हैं कि 2019 से 2020 तक चीन ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रतिबंधों को कम किया है, जो वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में सबसे स्पष्ट है। उधर, विनिर्माण, कृषि और निर्माण में विदेशी निवेश के प्रतिबंधों में भी ढील दी गई है।

मोल्नर ने कहा कि चीन के जीडीपी में एफडीआई स्टॉक का अभी भी अपेक्षाकृत कम अनुपात है और विदेशी निवेश को आकर्षित करने की अभी भी बड़ी गुजाइश है। विदेशी निवेश को स्थिर करना चीन सरकार का एक महत्वपूर्ण नीतिगत लक्ष्य है। पारंपरिक उद्योगों और विनिर्माण में विदेशी पूंजी को आकर्षित करने से प्रौद्योगिकी को उन्नत करने और संगठन व प्रबंधन का सुधार करने में मदद मिलेगी।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

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