चाहिए उतना कर्ज लो चुकाना न चुकाना बाद की बात

आरपीआई सुप्रीमो ने दी अजब सलाह

पिम्परी। सामाजिक सलोखा परिषद के लिये पिम्परी चिंचवड़ में पधारे आरपीआई सुप्रीमो व केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले ने अपने कार्यकर्ताओं को अजब सलाह दे डाली। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, चाहिए उतना कर्ज लो, मैं मदद करूंगा। उसे चुकाना है या नहीं ये बाद की बात है। किसानों की कर्ज माफी के बाद महात्मा फुले, अन्नाभाऊ साठे महामंडलों के कर्ज भी माफ होंगे। खुद मुख्यमंत्री ने हमें इस बारे में आश्वस्त किया है।

इस परिषद से पहले संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने नीरव मोदी के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले को गंभीर बताते हुए मोदी को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे डालने का विश्वास जताते हुए बैंकों पर नाराजगी भी जताई। इतने बड़े कर्ज घोटाले करने वाली बैंकें महामंडलों के कर्ज देने में आनाकानी करते हैं। हांलाकि सभा में अपने कार्यकर्ताओं को उपरोक्त अजीबोगरीब सलाह देकर आठवले ने सभी को चौंका दिया है। उनका यह बयान अब किस नए विवाद में घिरता है? इसकी ओर निगाहें गड गई हैं।

दलित आदिवासी समुदाय के आरक्षण को छोड़ बचा हुआ आरक्षण देने पर हमारा विरोध नहीं है। यह स्पष्ट करते हुए आठवले ने कहा कि, अगर आरक्षण या संविधान को हाथ भी लगाया तो सत्ता से उखाड़ फेंकने में देर नहीं लगेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमें इस बारे में आश्वस्त किया है। मंत्रिपद के बारे में होने वाली टिप्पणियों पर उन्होंने कहा कि, मेरी वजह से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री बनते हैं, फिर अगर मुझे मंत्रिपद मिलता है तो उनके पेट मे दर्द क्यों उठता है? डॉ बाबासाहेब आम्बेडकर का स्टेचू ऑफ लिबर्टी से भी ऊंचा स्मारक बनाने की घोषणा भी उन्होंने की।

इस परिषद के मंच पर पुणे के उपमहापौर डॉ सिद्धार्थ धेण्डे, वरिष्ठ नेता चंद्रकांता सोनकाम्बले, बालासाहेब भागवत, हेमंत रनपिसे, सुरेश निकालजे, बालासाहेब रोकड़े, सुधाकर बारभुवन, अजीज शेख, डॉ विजय मोरे, पप्पू कागदे, मंदार जोशी, डी एम चव्हाण, विनोद चंदमारे आदि उपस्थित थे।