चाल में रहने से लेकर वैश्विक व्यवसाय करने तक शरफुन्निसा शेख की कहानी

शरफुन्निसा शेख एक चाल में पली-बढ़ी थीं और पुणे के छोटे नगर पिंपरी की उस चाल में अन्य निवासियों के साथ उन्हें कॉमन शौचालय साझा करना होता था। वह निम्न मध्यम परिवार से थीं और इसीलिए अंग्रेजी ठीक से नहीं बोल पाती थीं। पैसे के मामले में हाथ हमेशा तंग रहता था और परिवार की ज़िन्दगी आसान नहीं थी। आज वह एक सफल व्यवसायी हैं और उनका डायरेक्ट सेलिंग का संपन्न व्यवसाय है और वह दुनिया घूमती हैं तथा औरों को प्रेरित करती हैं तथा कई महिलाओं के लिए रोल मॉडल हैं।

शेख बताती हैं, “मैंने अपनी ज़िन्दगी के 13 साल एक चाल में गुज़ारे, जहाँ सभी को कॉमन सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल करना होता था। मेरे अभिभावकों का एकमात्र सपना अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम स्कूल में डालना था। सौभाग्य से, मैं पढ़ाई में अच्छी थी और मैंने गणित में बीएससी किया। उसके बाद मैंने कई साल वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में काम किया।”

शेख जब मुंबई में कार्य कर रही थीं तो एक दोस्त ने डायरेक्ट सेलिंग से परिचय करवाया। दोस्त ने कुछ समय पहले अपनी नौकरी छोड़ी थी और स्वास्थ्य और वैलनेस उत्पाद प्रमोट करने वाला डायरेक्ट सेलिंग व्यवसाय शुरू किया था। उसने क्यूनेट द्वारा इस्तेमाल डायरेक्ट सेलिंग व्यवसाय मॉडल के बारे में समझाया और शेख से कहा कि वह उनके साथ मिलकर शुरुआत करें। शेख बताती हैं, “मैं भी इस व्यवसाय को लेकर उत्सुक थी, मैंने अपने इस्तेमाल के लिए क्यूनेट से कुछ वैलनेस उत्पाद खरीदकर शुरुआत की।

लगभग 9 महीने बाद, उस दोस्त ने शेख को बताया कि वह मलेशिया में कंपनी के वैश्विक सम्मलेन में जा रहा है और वह इसे लेकर बहुत एक्साईटेड है। शेख के अनुसार, “इसने मुझे सोचने पर मजबूर किया। मुझे आश्चर्य हो रहा था कि कोई क्यों अपना पैसा खर्च कर किसी दूसरे देश जाएगा, ज़रूर कंपनी और उसके व्यवसाय में कोई बात होगी। मैं मोटिवेशन समझ नहीं पा रही थी।” उन्होंने बताया कि जब दोस्त सम्मलेन से लौटा तो इस बार उन्होंने उससे डायरेक्ट सेलिंग व्यवसाय के बारे में ठीक से समझाने को कहा और यह भी जानना चाहा कि उन्हें अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए क्या करना चाहिए। वह बताती हैं, “यह 2009 की बात है और उसके बाद मैंने मुड़कर नहीं देखा।”

डायरेक्ट सेलिंग की ख़ूबसूरती यह है कि यह सिर्फ वित्तीय सशक्तिकरण के बारे में ही नहीं है पर इसका एक महत्वपूर्ण पहलू निजी विकास है। कंपनी अपने सभी स्वतन्त्र प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देती है। शेख कहती हैं, “छोटे शहर में पली-बढ़ी होने के कारण मुझमें हीन भावना थी। मैं शर्मीली थी, फ्लूएन्ट अंग्रेजी नहीं बोल सकती थी और लोगों से बातचीत करने से डरती थी। पर व्यवसाय ने मुझमें आत्मविश्वास जगाया जो सफलता का एक महत्वपूर्ण पहलू है। मुझ पर लक्ष्य पूरे करने और अगला लेवल हासिल करने की धुन सवार हो गयी। मैं सम्मान, बराबरी और प्रतिष्ठा कमाना चाहती थी और क्यूनेट ने मुझे सही मंच दिया और आज मैं अलग-अलग देशों के उत्साही युवा व्यवसाइयों की एक बड़ी टीम का नेतृत्व कर रही हूँ।”

भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से पिछले साल जारी मॉडल डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन के बारे में शेख बताती हैं कि यह दिशानिर्देश हमारे उद्योग को रेगुलेट करने में और धोखेबाज़ कंपनियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से बड़ा कदम हैं। वह कहती हैं, “मैं जानती हूँ क्यूनेट दिशानिर्देशों का पालन कर रही है और उसने अपने सभी वितरकों को दिशानिर्देशों के पालन को लेकर संवाद शुरू कर दिया है। हममें से कुछ ने, जिनकी बड़ी टीमें हैं, उन्होंने मिलकर इन दिशानिर्देशों को लेकर सेमिनार और प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किये हैं ताकि हमसे जुड़ने वाले नए लोगों को इस व्यवसाय करने सम्बन्धी कड़े नियमों और कानूनों के बारे में बताया जा सके।”