चमड़ा परिष्करण ईकाई से संचालित हो रहा था केंद्रीय विद्यालय, अब मिला नया भवन

नई दिल्ली, 21 जनवरी (आईएएनएस)। देश में केंद्रीय विद्यालयों की कुल संख्या 1245 हो गई है। गुरुवार दो नए केंद्रीय विद्यालयों, केंद्रीय विद्यालय बेतिया और केंद्रीय विद्यालय कोरबा का उद्घाटन किया गया। 2003 में बेतिया में शुरू किया गया केंद्रीय विद्यालय अभी तक अस्थायी रूप से चमड़ा परिष्करण ईकाई में संचालित हो रहा था।

इसके नए भवन के लिए राज्य सरकार ने लगभग 10 एकड़ भूमि निशुल्क उपलब्ध करवाई और केंद्रीय विद्यालय संगठन ने 13.016 करोड़ की लागत से इसके नए भवन का निर्माण करवाया।

नए केंद्रीय विद्यालयों के खोले जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि पिछले 6 सालों में 151 नए केंद्रीय विद्यालय देश में खोले गए हैं, जहां देश के 13,88,899 बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान की जा रही है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. निशंक ने कहा, केंद्रीय विद्यालयों में छात्रों का भविष्य गढ़ा जा रहा है। यह एक बहुत बड़ा कार्य एक अकेले संगठन द्वारा किया जा रहा है। मैं केंद्रीय विद्यालय संगठन के समस्त शिक्षकों, कार्मिकों और अधिकारियों को हार्दिक बधाई देता हूं कि वे देश की भावी पीढ़ी को तैयार करने में अपना योगदान दे रहे हैं।

बिहार में कुल 53 केंद्रीय विद्यालय संचालित हैं, जिसमें 04 केंद्रीय विद्यालय दो शिफ्ट में संचालित किए जाते हैं। केंद्रीय विद्यालय बेतिया, पश्चिम चंपारण में एक मात्र नया विद्यालय है जहां पर अभी कक्षा 1 से 10 में 489 विद्यार्थी पढ़ते हैं। जब यह विद्यालय कक्षा 1 से 12 तक पूर्ण रूप से दो सेक्शन में संचालित हो जाएगा, तब इससे जिले के लगभग 1000 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।

छत्तीसगढ़ के कोरबा में केंद्रीय विद्यालय के लिए भी छत्तीसगढ़ सरकार ने 10 एकड़ भूमि उपलब्ध करवाई थी और जिस पर केंद्रीय विद्यालय संगठन ने 15.86 करोड़ की लागत से सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक भव्य भवन का निर्माण कराया है।

दोनों नए केंद्रीय विद्यालयों के उदघाटन के अवसर पर डॉ. निशंक ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में भी सबको बताते हुए कहा, माननीय प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप जो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति हम लेकर आए हैं, उससे स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में एक बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा। यह नीति भविष्य के भारत को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, जिसमें केवल किताबी ज्ञान के बजाय व्यवहारिक ज्ञान पर भी जोर दिया गया है। विद्यार्थियों के लिए कक्षा 6 से ही वोकेशनल ट्रेनिंग की सुविधा प्रदान की जाएगी, जिसमें इंटर्नशिप भी साथ जुड़ी होगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी स्कूली स्तर से ही सिखाया जाएगा। साथ ही भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को भी बढ़ावा दिया जाएगा। यह नीति आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में सक्षम है।

1245 केंद्रीय विद्यालयों में से 953 केंद्रीय विद्यालय अपने स्वयं के भवनों से संचालित किए जा रहे हैं। शेष विद्यालयों के भवन निर्माण की प्रक्रिया भी बहुत तेजी के साथ चल रही है और जल्द ही ये विद्यालय भी अपने भवनों से संचालित किए जाएंगे।

–आईएएनएस

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