घर से दूर भी मिथिला के मिट्टी की खुशबू बरक़रार

पढाई और नौकरी के लिए बिहार और झारखण्ड से आकर पुणे और पिम्परी चिंचवड़ में बसे मैथिल भाषी लोगो ने यहाँ भी अपनी मिटटी की खुशबू और संस्कृति  को जीवित कर रखा है. मिथिला विकास मंच पुणे द्वारा  भोसरी स्थित अंकुश राव लांडगे सभागृह में धूमधाम से होली मिलान समारोह और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मंच द्वारा पिछले तीन वर्षों से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.  हर साल की तरह इस वर्ष भी मैथिल  भाषी लोगो ने इसका जम कर आनंद उठाया.

फागोत्सव के विविध रंगों से भरपूर इस समारोह में मैथिली  गायक माधब राय, स्मृति मिश्रा ठाकुर, कंचन पांडे, शिखा झा  रामबाबू झा के गीतों ने लोगों को मंच तक खींच लाया और थिरकने पर मजबूर कर दिया.

हरफनमौला कलाकार रामसेवक ठाकुर अपने व्यंग्यवाणों से श्रोताओं को पूरे कार्यक्रम में  गुदगुदाते रहे. समारोह में बड़ी संख्या में समाज की महिलाएं भी मौजूद थीं। उन्होंने इस मौके पर एक-दूसरे को गुलाल लगाकर होली के शुभकामना संदेश दिए। कार्यक्रम में पिम्परी चिंचवड़ मनपा के  सत्ता पक्ष नेता एकनाथ पवार भी मौजूद थे. उन्होंने इस मौके पर कहा की मिथिला तो माता सीता की जन्मभूमि है. इस मिटटी की पवित्रता आज भी विद्यमान है. बस , मैथिली भाषा, परम्परा, मधुबनी पेंटिंग और संस्कृति को बढ़ावा देने की जरुरत है और मिथिला विकास मंच पुणे द्वारा इसका बखूबी प्रयास किया जा रहा है.

कार्यक्रम की शुरुआत विद्यापति की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद शुरू हुई. इस मौके पर मिथिला  विकास मंच पुणे के  अध्यक्ष मिहिर झा ने कहा की  मंच मिथिला की परंपरा को जीवित रखना चाहती है. पिछले तीन वर्षों से मंच इस कार्यक्रम का आयोजन कर रही है. विगत  वर्ष मंच द्वारा विवाह योग्य चार जोड़ियों को भी मिलाया और उनकी शादी कराई गयी. गरीब और असमर्थ लोगो को आर्थिक मदद भी प्रदान की गयी. आगे भी ऐसे आयोजन किये जायेंगे पुणे में रहने वाले जरूरतमंद मैथिल भाषी को सहयोग देने के लिए हमारी संस्था हमेशा प्रयासरत रहेगी.

इस मौके पर बहुउपयोगी वेबसाइट maithilpune.com  का विमोचन drdo वैज्ञानिक मृदुकान्त पाठक द्वारा किया गया. इस वेबसाइट के माध्यम से लोगो को रोजगार उपलब्ध कराये जायेंगे साथ ही शादी योग्य वर-वधु का भी मिलाप किया जायेगा. इस मौके पर पूर्वांचल विकास मंच के अध्यक्ष विकास मिश्रा एवं उपाध्यक्ष नेताजी सिंह भी उपस्थित थे.

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्याध्यक्ष राकेश मिश्रा, उपाध्यक्ष बालकृष्ण मिश्रा, सचिव सुबोध झा, उपाध्यक्ष ललित ठाकुर , सचिव सुधेन्दु राय, कोषाध्यक्ष विभाष चंद्रा खां, उपाध्यक्ष मनोज कुमार झा, सरोज झा, सदस्य शंकर झा, मिहिर झा, रविंद्र झा आदि ने अहम् योगदान  दिया. मंच के पूर्व अध्यक्ष डॉ मनमोहन झा का मार्गदर्शन भी मंच को प्राप्त हुआ