गोवा के किसान केरल के नवाचार और कटहल की खेती से लें प्रेरणा : सावंत

पणजी, 19 जनवरी (आईएएनएस)। गोवा में कृषि में नवाचार और रुचि की कमी को देखते हुए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मंगलवार को स्थानीय किसानों से केरल के कटहल के किसानों से प्रेरणा लेने का आग्रह किया।

सावंत ने यहां एक जल संसाधन विभाग के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गोवा को दक्षिणी राज्य में अपनाए जाने वाले कटहल आधारित कृषि व्यवसाय मॉडल का अनुकरण करना चाहिए, जहां अब इस मुलायम और गूदेदार फल के बीज के पाउडर से मधुमेह (डायबिटीज) को नियंत्रित करने की क्षमता के साथ करोड़ों रुपये का कारोबार हो रहा है।

सावंत ने कहा, केरल के एक व्यक्ति ने पाया कि कटहल के बीज का पाउडर मधुमेह के लिए कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है। पाउडर मधुमेह को नियंत्रित कर सकता है। वह उस पाउडर से करोड़ों रुपये का कारोबार कर रहा है। उसने अब इसका निर्यात करना शुरू कर दिया है।

कर्नाटक और गोवा में खेती और श्रम के प्रति गिरते दृष्टिकोण को देखते हुए सावंत ने कहा कि इसके विपरीत गोवा में उगाए जाने वाले कटहल का 95 प्रतिशत हिस्सा सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है।

सावंत ने कहा, और हम क्या करते हैं? 90, नहीं हम साफतौर पर कह सकते हैं कि हमारा 95 प्रतिशत कटहल सड़ जाता है। सिर्फ सड़ना-गलना ही नहीं है, ऐसे भी उदाहरण हैं, जब पके हुए कटहल लोगों पर गिर जाते हैं और उन्हें घायल कर देते हैं। हमारी यह स्थिति है।

गोवा के मुख्यमंत्री ने कटहल को 100 प्रतिशत जैविक बताते हुए इसके कई गुणों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कटहल की खेती के प्रति उदासीनता पर चिंता जाहिर करते हुए कहा, हमारे पूर्वजों ने इसे लगाया, मगर हमने कभी इनके पौधे लगाने की परवाह नहीं की, क्योंकि हमारे पूर्वजों ने इन्हें लगा दिया था, इसलिए हम अब इन पेड़ों को देख रहे हैं। मुझे तो भविष्य की पीढ़ी की चिंता है, क्या वे कभी कटहल देख भी पाएंगे?

मुख्यमंत्री सावंत ने गोवा में और अधिक सब्जियां, अनाज, डेयरी और पोल्ट्री के उत्पादन की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर चिंता जाहिर की कि राज्य में इनकी जितनी खपत है, उस अनुसार, इनका उत्पादन नहीं हो रहा है।

–आईएएनएस

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