गोवा की परियोजनाओं के खिलाफ नकारात्मक प्रचार का करें मुकाबला : सावंत

पणजी, 21 जनवरी (आईएएनएस)। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को इंजीनियरिंग के छात्रों से सोशल मीडिया जैसे माध्यमों से सरकार की विकास परियोजनाओं के खिलाफ नकारात्मक टिप्पणी का मुकाबला करने का आग्रह करते हुए कहा कि तथ्यों के साथ नकारात्मक प्रचार का मुकाबला करना महत्वपूर्ण है।

सावंत ने छात्रों के सामने ऐसे मामलों का हवाला भी दिया, जिन्हें नागरिकों की सुविधा के लिए बेहतर कदम होते हुए भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

सावंत ने कहा कि स्टरलाइट-प्रमोटेड गोवा तमनार ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट लिमिटेड आने वाले वर्षो में तटीय राज्य की बिजली की जरूरतों के लिए महत्वपूर्ण है, मगर फिर भी इसे काफी समय से विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

दक्षिण गोवा स्थित गोवा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में छात्रों की एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सावंत ने कहा, लोग हर जगह परियोजनाओं का विरोध कर रहे हैं। तमनार परियोजना को भी विरोध का सामना करना पड़ा है। जैसा कि आप जानते हैं कि यह 400 केवी लाइन है, जो कर्नाटक से गोवा तक आ रही है। यदि अगले दो वर्षो में तमनार (बिजली) लाइन नहीं खींची जाती है, तो हम एसी और पंखों का उपयोग नहीं कर पाएंगे।

उन्होंने कहा, इस तथ्य को जानने के बावजूद, हम में से कितने लोग इसके बारे में सकारात्मक रूप से बात कर रहे हैं? हम केवल नकारात्मकता को सुन रहे हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि हम सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर लिखें और बात करें। मैं आपसे सरकार के पक्ष में बोलने का आग्रह भी नहीं कर रहा हूं, बल्कि तथ्यों को देखने की बात कर रहा हूं।

सावंत ने कहा, सरकार केवल तथ्यों को जानती है। आप तथ्यों को जानते हैं, मगर एक गांव में आम आदमी को तथ्यों का पता नहीं होता है। वह (इस तरह की परियोजनाओं) का सिर्फ इसलिए विरोध करता है, क्योंकि किसी ने उसके दिमाग में यह बात भरी होती है।

सावंत ने कहा, इंजीनियर होने के नाते आप गोवा में पावर (उपलब्धता) की वास्तविक स्थिति को जानते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि तथ्यों को उन लोगों के सामने रखा जाए, जिनके पास परियोजना के बारे में कोई वास्तविक जानकारी नहीं है। हम आपसे तमनार, रेल, सड़क और आईआईटी से जुड़े मुद्दों पर इन टिप्पणियों की उम्मीद करते हैं।

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में गोवा सरकार को आईआईटी परिसर को लेकर जमीन अधिग्रहण मामले में काफी आलोचनाओं के साथ ही प्रदर्शन का सामना करना पड़ा है। उत्तरी गोवा के मेलाउलिम गांव में स्थानीय नागरिक एक आईआईटी परिसर स्थापित करने के लिए भूमि अधिग्रहण करने के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

सावंत ने कहा कि अगर गोवा एक आईआईटी के लिए भूमि उपलब्ध कराने में असमर्थ है, तो यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बड़ी क्षति होगी।

–आईएएनएस

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