पुलिस ने कहा कि इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और मौके से लैपटॉप, हार्ड डिस्क और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जब्त किए हैं।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में कथित फर्जी कॉल सेंटर टीम का लीडर हरियाणा के भिवानी जिला निवासी ललित शर्मा, बिहार का रहने वाला तनवीर राजा और उत्तर प्रदेश निवासी अजीत शामिल हैं। तनवीर और अजीत दोनों कथित कॉल सेंटर में तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में काम करते थे। पुलिस ने बताया कि कॉल सेंटर के मालिक लवकेश सांगवान और विकास खासा अभी भी फरार हैं।
पुलिस के अनुसार, साइबर क्राइम थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि उद्योग विहार फेज-पांच इलाके के प्लाट नंबर 852 में बनी इमारत में फर्जी काल सेंटर चल रहा है। इसके बाद टीम मौके पर पहुंची और छानबीन की तो सूचना सही पाई गई। इस दौरान सात लोग लैपटाप पर काम करते हुए अंग्रेजी में बात कर रहे थे। कर्मचारियों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।
इंस्पेक्टर जसवीर ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा, युवाओं को कॉल सेंटर में नियुक्त किया गया था, जो दूरसंचार विभाग (डीओटी) द्वारा जारी लाइसेंस के बिना ही संचालित किया जा रहा था। कथित फर्जी कॉल सेंटर ई-चेक, डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिए ग्राहकों से सर्विस चार्ज के तौर पर डॉलरों में राशि वसूलते थे।
उन्होंने कहा, मामले की जांच चल रही है। आरोपी फर्जी कॉल सेंटर कैसे चला रहे थे, यह जांच का एक हिस्सा है। इसमें अन्य लोगों की संलिप्तता से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
इस मामले में साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के अलावा आईटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
–आईएएनएस
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