सूत्रों ने कहा कि जीएसटी खुफिया शाखा ने 175 करोड़ रुपये की मांग की है।
डीजीजीआई की एक जांच में ई-कॉमर्स कंपनी द्वारा की गई गणना में त्रुटियां पाई गई हैं।
इस संबंध में बताया जा रहा है कि अमेजन ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का भुगतान किया, जिसके लिए उसे रिफंड का दावा करना चाहिए था। इसके बजाय इसने उच्च कर स्लैब के बहाने आईटीसी का गलत दावा किया।
डीजीजीआई के नोटिस में गलत तरीके से दावा किए गए आईटीसी के कारण अब ब्याज की मांग की गई है।
हालांकि अभी अमेजन ने कंपनी को भेजे गए ई-मेल का जवाब नहीं दिया है।
डीजीजीआई द्वारा कैब सर्विस मुहैया कराने वाली उबर और ओला के खिलाफ जीएसटी की चोरी को लेकर जांच शुरू करने के एक दिन बाद यह कदम सामने आया है। डीजीजीआई ने करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी के मामले में कंपनियों के अधिकारियों को तलब किया है।
–आईएएनएस
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