अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अदालत को बताया, अपनी भागीदारी को छिपाने के लिए पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन और सिख फॉर जस्टिस ने दिशा रवि को फ्रंट के रूप में इस्तेमाल किया। ये संगठन खालिस्तानी आंदोलन से जुड़े हैं।
रवि की जमानत याचिका पर तीन घंटे तक चली सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की गई। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने 23 फरवरी तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है।
राजू ने अदालत को बताया, टूलकिट के पीछे की वास्तविकता न केवल भारत को बदनाम करने, बल्कि हिंसा का कारण बनने के लिए एक भयावह डिजाइन है। वह केवल एक मोहरा थी।
उन्होंने कहा कि रवि, सह-अभियुक्त निकिता जैकब और शांतनु मुलुक के साथ मिलकर किसानों के आंदोलन को अंतर्राष्ट्रीय बनाना चाहती थी।
आरोपी का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने अदालत को बताया कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि हिंसा के लिए टूलकिट जिम्मेदार है।
अधिवक्ता सिद्धार्थ ने अदालत को आगे बताया कि एक प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के साथ रवि को जोड़ने का कोई सबूत नहीं है।
–आईएएनएस
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