क्रिकेट सट्टेबाज ने प्रोटेक्शन मनी के लिए वाजे के क्लाउट का किया इस्तेमाल

नई दिल्ली/मुंबई, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। अंडरवर्ल्ड गैंग से जुड़े क्रिकेट सट्टेबाजी सिंडिकेट, जो मुख्य रूप से गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में सक्रिय हैं, ने कथित तौर पर मुंबई क्राइम ब्रांच के पूर्व अधिकारी सचिन वाजे को प्रोटेक्शन मनी का भुगतान किया। वाजे से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अपने मुंबई कार्यालय में पूछताछ कर रही है।

पूर्व क्राइम ब्रांच अधिकारी के इशारे पर क्रिकेट सीजन के दौरान सट्टेबाजी के सिंडिकेट्स और प्रोटेक्शन मनी की पहचान करने वाले मुंबई के जाने-माने सट्टेबाज वाजे के सहयोगी नरेश गौर ने आईएएनएस को यह जानकारी दी।

कथित तौर पर महाराष्ट्र सरकार में प्रमुख लोगों द्वारा संरक्षण प्राप्त वाजे के कई करोड़ रुपये के जबरन वसूली रैकेट पर टिप्पणी करते हुए, भाजपा प्रवक्ता राम कदम ने कहा कि डांस बार और क्लबों से बड़ी मात्रा में पैसा उगाहने के अलावा, वाजे के आदमी बेटिंग कार्टेल्स को आश्रय देकर पैसे कमाते रहे हैं।

मुंबई से तीन बार के विधायक राम कदम ने बताया, एक बड़ा सट्टेबाज नरेश गौर, काफी समय से वाजे का पॉइंटमैन रहा, जिसने राज्य में अवैध सट्टेबाजी रिंग को निशाना बनाया था, और उनसे बड़ी मात्रा में पैसे इकट्ठे किए थे। इस हफ्ता वसूली के पीछे के असली चेहरों को बेनकाब करने के लिए जबरन वसूली रैकेट की गहन जांच कराने की आवश्यकता है।

31 वर्षीय नरेश गौर, जो कच्छ के रहने वाले हैं, गुजरात से कर्नाटक तक भारत के पश्चिमी तट पर फैले शीर्ष क्रिकेट सट्टेबाजी सिंडिकेट से जुड़े थे। एटीएस मुंबई के मुताबिक, नरेश गौर ने अहमदाबाद के एक व्यापारी से फर्जी आईडी पर दर्जनों सिम कार्ड खरीदे। किशोर ठक्कर के रूप में पहचाने गए व्यापारी को अब एनआईए ने हिरासत में लिया है, जो मनसुख हिरेन मामले की जांच कर रहा है। सट्टेबाज नरेश गौर को मुंबई के पॉश दक्षिण मुंबई इलाके में स्थित अरबपति मुकेश अंबानी के मशहूर घर एंटीलिया के पास खड़ी विस्फोटक एसयूवी के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या में गिरफ्तार किया गया है।

सूत्रों ने कहा कि चूंकि क्रिकेट सट्टेबाजी का रैकेट मोबाइल फोन और इसी तरह के अन्य गैजेट्स के जरिए भारत में संचालित होता है, नरेश गौर फर्जी आईडी पर थोक में सिम कार्ड, फोन सेट, वाईफाई राउटर और डोंगल खरीदने में माहिर था। मुंबई एटीएस के एक अधिकारी ने कहा, वाजे के निर्देश पर नरेश ने मनसुख हिरेन की हत्या की योजना को अंजाम देने के लिए, 3 मार्च से 5 मार्च के बीच 14 मोबाइल फोन और 93 सिम कार्ड खरीदे।

सूत्रों ने कहा कि वास्तव में विनायक शिंदे (एक दागी सिपाही), जो हत्या में शामिल था, ने इससे पहले गौर को वाजे से मिलवाया था। उन्होंने कहा कि विनायक शिंदे के माध्यम से, सट्टेबाज गौर ने अंडरवल्र्ड में कनेक्शन बनाए और वाजे की ओर से प्रोटेक्शन मनी उगाहने के लिए शीर्ष सटोरियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।

ऑनलाइन सट्टेबाजी के अधिकांश सिंडिकेट मध्य पूर्व के देशों से संचालित होते हैं और दाऊद इब्राहिम गिरोह से जुड़े होते हैं।

इस बीच, एनआईए ने गिरफ्तार सिपाही विनायक शिंदे के निवास से एक सीक्रेट डायरी बरामद की है। जहां गौर ने सट्टेबाजी सिंडिकेट्स से धन एकत्र किया, वहीं शिंदे कथित रूप से डांस बार और रेस्तरां से पैसे उगाहने का काम कर रहा था। सूत्रों ने कहा कि बरामद डायरी से पता चलता है कि शिंदे, जो वर्तमान में एक और हत्या मामले में पैरोल पर था, मुंबई में 30 से अधिक बार और क्लबों से प्रोटेक्शन मनी इकट्ठा कर रहा था।

भाजपा प्रवक्ता राम कदम ने कहा, अब उन लोगों की पहचान करना महत्वपूर्ण है जिनके खातों या हाथों में इस काले धन को ट्रांसफर किया जाता रहा है। जाहिर है कि इसका फायदा उठाने वाले रसूखदार लोग प्रतीत होते हैं जिन्होंने वाजे के जबरन वसूली रैकेट को संरक्षण प्रदान किया था। हम आशा करते हैं कि एनआईए ऐसे लोगों को बनेकाब करेगी जो भारत की व्यापारिक राजधानी में सबसे बड़ी लूट में शामिल हैं।

–आईएएनएस

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