क्या माफ़ी मांगने से दाग धुल जाएंगे?

केप टाउन:

क्रिकेट की दुनिया में सबसे ख़राब व्यवहार के लिए पहचानी जाने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम अब बॉल टैंपरिंग के आरोपों में घर गई है। ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाड़ी कैमरन बैनक्रॉफ्ट को शनिवार को केप टाउन टेस्ट में किसी पीले रंग की चीज से बॉल के साथ छेड़छाड़ करता पाया गया। जब मामले ने तूल पकड़ा और कीवी टीम की आलोचना होने लगी, तो कप्तान स्टीव स्मिथ ने मीडिया के सामने आकर माफ़ी मांगी। उन्होंने यह भी माना कि माना कि बॉल टैपरिंग कोई भूलवश नहीं हुई बल्कि यह गेम प्लान का हिस्सा था।स्मिथ ने कहा, हमने ग़लत चुनाव किया। हम गहरा खेद प्रकट करते हैं, कोच इसमें शामिल नहीं थे। यह पूरी तरह से हमारे लीडरशिप ग्रुप के खिलाड़ियों का काम था। मैं आपसे वादा कर सकता हूं कि यह दोबारा नहीं होगा।

क्या इतना काफी है 
कप्तान स्टीव स्मिथ ने भले ही माफ़ी मांग ली हो, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या माफ़ी से उनके दामन पर लगे दाग धुल जाएँगे। और इस बात की क्या गारंटी है कि भविष्य में ऑस्ट्रेलिया टीम ऐसे फिर नहीं करेगी। बेहतर होता यदि स्मिथ नैतिक ज़िम्मेदारी स्वीकारते हुए अपने पद से इस्तीफ़ा देते। कप्तान होने के नाते इस पूरे कांड के लिए वह ही ज़िम्मेदार हैं। कंगारू टीम ने बॉल के साथ छेड़छाड़ करने की यह जिम्मेदारी अपने खिलाड़ी कैमरन बैनक्रॉफ्ट को सौंपी थी। बैनक्रॉफ्ट जब बॉल के साथ यह हरकत कर रहे थे, तब टीवी कैमरे ने उन्हें पकड़ लिया। यह खिलाड़ी गेंद को चिपचिपे टेप से रगड़ रहा था। कैप्टन स्मिथ और बैनक्रॉफ्ट ने बाद में अपनी इस गलती को स्वीकार भी कर लिया। जब अंपायर को बैनक्रॉफ्ट की हरकत पर संदेह हुआ तो उन्होंने उस संदिग्ध वस्तु (टेप) को अपने पजामे के अंदर छिपाने की कोशिश भी की।

आखिर क्या थी योजना
केप टाउन में खेले जा रहे सीरीज के तीसरे टेस्ट में तीसरे दिन लंच के खेल तक ऑस्ट्रेलिया बैकफुट पर नजर आ रही थी। साउथ अफ्रीका अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम पर 100 रन की बढ़त बना चुकी थी और उसका सिर्फ 1 ही खिलाड़ी आउट था। यहां से अफ्रीकी टीम कंगारू टीम पर बड़े टारगेट की ओर जाती दिख रही थी। उधर कंगारू टीम को बॉल से भी कोई मदद नहीं मिल रही थी। अभी मौजूदा सीरीज 1-1 से बराबर है और इस मैच के बाद एक टेस्ट और खेला जाना बाकी है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया का अपनी इस चिर-प्रतिद्वंद्वी टीम से पिछड़ जाना सीरीज गंवाने का खतरा बन सकता था। इसको ध्यान में रखते हुए स्मिथ और टीम के अन्य खिलाड़ियों ने योजना बनाई कि जब उनकी टीम खेल के नए सत्र में उतरेगी, तो वह बॉल के साथ छेड़छाड़ करेंगे। स्मिथ ने किसी खिलाड़ी का नाम तो नहीं बताया, लेकिन योजना में शामिल खिलाड़ियों को ‘लीडरशिप ग्रुप’ का नाम दिया। ऑस्ट्रेलियाई टीम का बॉल से छेड़छाड़ करने का मकसद यह था कि गेंद रिवर्स स्विंग हो और उनके गेंदबाज़ इस मैच में टीम के लिए कुछ खास कर पाएं।

क्यों चुना बैनक्रॉफ्ट को
दिन का खेल खत्म होने के बाद बैनक्रॉफ्ट ने अपनी गलती मानते हुए कहा, ‘मैं गलत समय पर गलत जगह था इसलिए मैंने यह कर दिया।’ हालांकि बैनक्रॉफ्ट ने इस बात से साफ इनकार कर दिया कि टीम ने उन पर ऐसा करने के लिए कोई दबाव बनाया था। बैनक्रॉफ्ट को यह जिम्मेदारी इसलिए दी गई क्योंकि टीम के लीडरशिप ग्रुप ने माना कि जब टीम मैदान पर होगी, तो बैनक्रॉफ्ट पर कैमरे की इतनी नजरें नहीं होंगी क्योंकि वह टीम में अभी नया ही है। इसलिए उन्हें यह जिम्मेदारी सौंप दी गई। टीम के थिंक टैंक को वह इस लिहाज से उपयुक्त दिखाई दिए।

टेप का खेल
बैनक्रॉफ्ट ने इस टेप को अपने ट्राउजर की जेब में छिपा लिया और इस जब भी उन्हें मौका मिलता वह मिट्टी के कुछ कण इक्ट्ठा कर टेप पर भी चिपका रहे थे। जब गेंद उनके पास आई, तो उन्होंने बॉल टैंपरिंग के मकसद से चलाकी से गेंद पर टेप को रगड़ दिया।
बैनक्रॉफ्ट ने अपना काम भले ही सफाई से किया हो, लेकिन टीवी कैमरा ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। इसके बाद बड़ी टीवी स्क्रीन पर इसका प्रसारण बार-बार किया गया। टीवी पर यह घटना क्लॉज अप के साथ स्लो मोशन में कई कई बार प्रसारित की गई। इसके बाद बैनक्रॉफ्ट अपने कृत्य पर शर्मसार भी दिख रहे थे और टीवी पर यह फुटेज भी दिखाई गई।