कोलकाता में भीड़ ने थाने पर किया पथराव, 2 गिरफ्तार

 कोलकाता, 13 अगस्त (आईएएनएस)| दक्षिणी कोलकाता के टॉलीगंज इलाके में दो युवकों को खुले में शराब पीने और उपद्रव करने के आरोप में हिरासत में लिए जाने से गुस्साई भीड़ ने थाने पर हमला कर दिया।

  इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि चार अन्य से पूछताछ की जा रही है। कोलकाता के एक पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि चेतला स्लम (झुग्गी-झोपड़ी वाला इलाका) क्षेत्र से 40-50 लोगों के एक समूह ने रविवार रात कथित तौर पर थाने पर हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि क्षेत्र से दो स्थानीय युवकों को खुले में शराब पीने और उपद्रव करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था, जिसके बाद लोगों ने थाने पर हमला किया, जिनमें अधिकतर महिलाएं शामिल थीं।

गिरफ्तारी के तुरंत बाद लोगों की भीड़ एकत्रित हुई और उन्होंने थाने पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। इस दौरान उन्होंने आरोपियों की रिहाई की मांग की। उन्होंने पुलिस स्टेशन परिसर से लेकर थाना प्रभारी के कमरे में भी तोड़फोड़ की। इसी के साथ भीड़ ने पुलिस पर भी हमला किया, जिसमें पांच पुलिस अधिकारी घायल हो गए।

अधिकारी ने कहा, “दो युवकों को सोमवार रात को चेतला स्लम इलाके से पुलिस के उपद्रव निरोधी दस्ते ने गिरफ्तार किया था। पुलिस स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज से उनकी पहचान की गई थी।”

उन्होंने कहा, “दो महिलाओं सहित चार और लोगों को हिरासत में लिया गया है और हमले में उनकी भूमिका पता लगाई जा रही है।”

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के गढ़ माने जाने वाले चेतला के निवासियों के खिलाफ रविवार को कोई कार्रवाई शुरू नहीं हुई। शुरुआती देरी के बाद हालांकि पुलिस ने सोमवार को मुकदमा दायर किया।

कोलकाता पुलिस आयुक्त अनुज शर्मा ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस प्रभारी को स्थिति से निपटने में सख्त और सक्रिय होना चाहिए।

घटना की निंदा करते हुए टीएमसी महासचिव पार्थ चटर्जी ने आरोपियों के लिए कड़ी सजा की मांग की। चटर्जी ने कहा, “यह अस्वीकार्य है। लोग पुलिस स्टेशन में कैसे प्रवेश कर सकते हैं और ड्यूटी कर रहे अधिकारियों पर हमला कैसे कर सकते हैं? ऐसी चीजों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अपराधियों के खिलाफ सख्त और अनुकरणीय कार्रवाई होनी चाहिए।”

वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कानून व्यवस्था पर ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की।

राज्य भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने कहा, “ऐसा लगता है कि ममता की पुलिस को सत्ताधारी पार्टी के हमले के खिलाफ केंद्रीय बलों की सुरक्षा की जरूरत होगी।”