केरल को बारिश से फौरी राहत

तिरुवनंतपुरम, 12 अगस्त (आईएएनएस)| केरल में सोमवार को काफी कम बारिश हुई, जिससे यहां बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों और उनके बचाव कार्य में लगे कर्मियों को राहत मिली है। केरल सरकार के अनुसार, अभी तक राज्य में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ की वजह से 77 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी राज्य भर में कुल 1654 राहत शिविरों में 2.87 लाख लोग ठहरे हुए हैं।

इस बीच सोमवार को मौसम खुलने के बाद विभिन्न बचाव दल सबसे अधिक प्रभावित इलाकों वायनाड के मेपाडी और मलप्पुरम में कवलपारा में बचाव कार्य में जुट गए।

बचाव कार्यो की देखरेख करने के लिए सोमवार को कवलपारा पहुंचे राज्य के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री के. टी. जलील ने कहा कि जिन लोगों का कीचड़ के नीचे दबे होने का संदेह है, उनके शवों को बरामद करने के लिए जो भी संभव होगा, किया जाएगा।

जलील ने कहा, “शुरुआत में यह कहा गया था कि इस क्षेत्र में 63 लोग लापता हैं, लेकिन बाद में उनमें से चार को उनके रिश्तेदारों के घरों में पाया गया। शेष 59 लोगों में से अब तक 14 शव बरामद किए जा चुके हैं। आज हमारे पास अधिक क्षमता वाले उपकरण हैं। बाकी बचे सभी शवों को बरामद करने में लगे रहेंगे।”

वायनाड में सबसे अधिक 18 लोगों के मरने की खबर है। जबकि मलप्पुरम, पलक्कड़, इडुक्की और कोझीकोड में भी हताहत होने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है।

मौसम विभाग ने कहा कि सोमवार को किसी भी जिले में रेड अलर्ट नहीं है, लेकिन आने वाले तीन दिनों में और बारिश होने का अनुमान है।

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने कहा, “अलप्पुझा, एर्नाकुलम और इडुक्की में कल से शुरू होने वाली भारी बारिश बुधवार तक जारी रहेगी।”

पिछले कुछ दिनों की तरह, सोमवार को भी कुछ लंबी दूरी की ट्रेनों को रद्द किया गया। लेकिन पहले से रद्द की गई काफी ट्रेनों को बहाल कर दिया गया।

पिछले वर्ष बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित रहे अलप्पुझा जिले के राहत शिविरों में इस साल भी 10 हजार से अधिक लोग हैं। क्योंकि कई निचले इलाके भारी बारिश के कारण जलमग्न हैं।

रविवार से अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा कर रहे वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पीड़ित लोगों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।

गांधी ने सोमवार को थिरुवमपदी में एक राहत शिविर को संबोधित करते हुए कहा, “संकट की इस घड़ी में हम सभी आपके साथ हैं। मैं न केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं से, बल्कि सभी से अपील करता हूं कि वे आप लोगों की पीड़ा को कम करने में अपना योगदान दें। आपको अपने भविष्य को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हम आपके जीवन को दोबारा सामान्य बनाने में मदद करेंगे।”

राज्य के कृषि मंत्री वी. एस. सुनील कुमार की तरफ से दिए गए प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, 18 हजार हेक्टेयर से अधिक की फसलों को नुकसान पहुंचा है। इससे लगभग 81 हजार किसान प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के कारण लगभग 800 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।