केरल : एलडीएफ की घटक राकांपा ने दी अन्य विकल्प देखने की चेतावनी

तिरुवनंतपुरम, 2 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने शनिवार को कहा कि वह केरल में सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के साथ बनी रहेगी, हालांकि एक नेता ने चेतावनी दी है कि यदि पार्टी को महत्व नहीं दिया गया तो वह इस मामले में विकल्प पर विचार करेंगे।

परिवहन मंत्री और दिग्गज पार्टी विधायक एके ससेंद्रन ने कोझिकोड में मीडिया से कहा, राकांपा ने यूडीएफ के साथ कोई बातचीत शुरू नहीं की है, हम एलडीएफ के साथ हैं।

राकांपा विधायक मणि सी. कप्पन ने पाल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने पर कहा कि पूर्व में एलडीएफ से सीट मांगने में कुछ भी गलत नहीं था।

कप्पन और ससेंद्रन के नेतृत्व वाले राकांपा गुट लगभग दो अलग-अलग संस्थाओं की तरह काम कर रहे हैं। राजनीतिक रूप से ससेंद्रन माकपा के गढ़ से चुनाव लड़ेंगे, जबकि कप्पन पाला सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

पाला सीट का प्रतिनिधित्व केरल के दिवंगत कांग्रेस नेता केएम मणि ने 50 साल के रिकॉर्ड के साथ किया था। केरल कांग्रेस-मणि ने हाल ही में विपक्षी युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के पक्ष को एलडीएफ में बदल दिया। यह निश्चित था कि एलडीएफ 2021 के चुनावों में पाला सीट पार्टी प्रमुख व दिवंगत के.एम. मणि के बेटे जोस के मणि को देगा।

राकांपा के सूत्रों ने संकेत दिया कि चूंकि मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की कोट्टायम जिला समिति और राज्य समिति ने पाल से जोस के मणि को एलडीएफ उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारने का फैसला किया था, इसने एनसीपी को अपनी रणनीतियों पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर किया।

कप्पन ने मीडिया को यह भी बताया, हमने यूडीएफ के साथ विचार-विमर्श नहीं किया है, लेकिन किसी भी परिस्थिति में हम पाला सीट से पीछे नहीं हटेंगे।

राकांपा के राज्य महासचिव सलीम पी. मैथ्यू ने आईएएनएस को बताया, हमने एलडीएफ छोड़ने का फैसला नहीं किया है, लेकिन हाल के स्थानीय निकाय चुनावों में हमारी पार्टी के हितों का ध्यान नहीं रखा गया है। हमने पहले ही राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार को इसकी सूचना दे दी है। उन्होंने मुझे और राकांपा के राष्ट्रीय सचिव जोसमन को आश्वासन दिया कि वह उचित समय पर हस्तक्षेप करेंगे।

उन्होंने चेतावनी दी कि स्थानीय चुनावों में राकांपा को महत्व नहीं दिया गया और अगर भविष्य में ऐसा दोहराया गया तो पार्टी को अन्य विकल्पों पर सोचना होगा।

–आईएएनएस

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