कृषि कानूनों पर बनी सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने 18 उद्योग संगठनों से की बात

नई दिल्ली, 9 फरवरी (आईएएनएस)। नए कृषि कानूनों पर विमर्श के लिए शीर्ष अदालत द्वारा गठित विशेषज्ञों की कमेटी ने मंगलवार को 18 विभिन्न हितधारकों से बातचीत की, जिनमें विभिन्न उद्योगों से जुड़े संगठन शामिल थे।

कमेटी के सदस्य डॉ. प्रमोद जोशी ने आईएएनएस को बताया कि आज (मंगलवार) निजी क्षेत्र के हितधारकों से भी बातचीत की, जिन्होंने अपने सुझाव दिए। कमेटी के दो अन्य सदस्य अनिल घनवट और डॉ. अशोक गुलाटी भी बैठक में मौजूद थे। कमेटी की यह सातवीं बैठक थी।

बैठक के बाद कमेटी की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, कमेटी ने विभिन्न कृषि प्रसंस्करण उद्योग, कृषि प्रसंस्करण संघों और खरीद एजेंसियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से और व्यक्तिगत तौर पर बातचीत की। इनमें अमूल, आईटीसी, एफसीआई, सुगना फुड्स, बागवानी उपज विशेषज्ञ संघ, वेंकटेश्वरा हेचरिज, सीआईआई, फिक्की, एपीडा, समुद्री खाद्य निर्यातक संघ, अखिल भारतीय चावल मिलर्स एसोसिएशन, अखिल भारतीय चावल निर्यातक संघ, ट्रैक्टर विनिर्माता संघ, भारतीय कपास संघ, भारतीय उर्वरक संघ, भारतीय दलहन एवं अनाज संघ और अखिल भारीय पोल्ट्री फीड निर्माता संघ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कमेटी के सदस्यों के साथ चर्चा की।

केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल सितंबर में तीन कृषि कानून लागू किए गए थे, जिनमें कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और किसान सेवा पर करार अधिनियम 2020 एवं आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 शामिल हैं।

शीर्ष अदालत द्वारा गठित विशेषज्ञों की कमेटी को इन कानूनों पर विचार-विमर्श करके अपनी सिफारिशें देनी हैं। कमेटी ने बताया कि सभी हितधारक प्रतिभागियों ने इस चर्चा के दौरान अपने विचार रखे और बहुमूल्य सुझाव दिए।

–आईएएनएस

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