किसानों के विरोध को खालिस्तानी नारे लगाने वाले असामाजिक तत्वों का समर्थन : खट्टर (लीड-1)

चंडीगढ़, 28 नवंबर (आईएएनएस)। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध राजनीतिक दलों द्वारा समर्थित है और इनका लिंक खालिस्तान से भी है।

उन्होंने मीडिया को बताया, राज्य को राष्ट्रीय राजधानी में और आसपास चल रहे किसानों के विरोध में खालिस्तान समर्थक नारे लगाने वाले कुछ अवांछित तत्वों के इनपुट मिले हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, हमारे पास इनपुट है कि कुछ अवांछित तत्व भीड़ के अंदर आए हुए हैं। हमारे पास इसकी रिपोर्ट है। अभी इसका खुलासा करना ठीक नहीं है। उन्होंने सीधे नारे लगाए हैं। जो ऑडियो और वीडियो सामने आए हैं, उनमें इंदिरा गांधी को लेकर साफ नारे लगा रहे हैं और कह रहे हैं कि जब इंदिरा के साथ ये कर दिया तो मोदी क्या चीज है।

उन्होंने कहा कि इसकी ठोस जानकारी मिलने के बाद वह पूरी जानकारी साझा करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा, हमारे पास भीड़ में मौजूद कुछ असामाजिक तत्वों के इनपुट हैं। हमारे पास इसकी रिपोर्ट भी है और एक बार ठोस जानकारी मिलने पर हम इसका खुलासा करेंगे। यही लोग उस तरह के नारे लगा रहे थे।

उन्होंने कहा कि यह देखना दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है कि कैसे कुछ लोग किसानों के नाम पर अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं।

खट्टर ने पंजाब के किसानों से यह अपील भी की कि उनके प्रतिनिधि केंद्र सरकार के साथ बातचीत करें, क्योंकि यही एकमात्र समाधान है। खट्टर ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा, केंद्र सरकार हमेशा बातचीत के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पिछले तीन दिनों से किसान मार्च को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने उनके फोन का कोई जवाब नहीं दिया है।

खट्टर ने कहा, मैंने व्यक्तिगत रूप से पंजाब के मुख्यमंत्री को कई बार फोन किया लेकिन हर बार उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया। यह कहना वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह पहली बार हुआ है कि एक मुख्यमंत्री दूसरे मुख्यमंत्री से बात करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उनके समकक्ष बात करने के लिए तैयार नहीं हैं।

अमरिंदर सिंह के फोन न उठाने के पीछे के कारण पर एक सवाल का जवाब देते हुए खट्टर ने कहा कि केवल पंजाब के मुख्यमंत्री ही इस बात का जवाब दे सकते हैं कि उन्होंने आखिर बात क्यों नहीं की।

खट्टर ने किसानों के विरोध प्रदर्शन पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय के पदाधिकारी इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार स्पष्ट रूप से किसानों के विरोध के लिए जिम्मेदार है। खट्टर ने कहा कि किसानों का मार्च पंजाब सरकार की राजनीतिक साजिश की तरह दिखता है ।

खट्टर ने कहा कि हरियाणा के किसानों ने इस मार्च में भाग नहीं लिया। उन्होंने इसके लिए हरियाणा के किसानों को धन्यवाद भी दिया।

मार्च से निपटने के लिए हरियाणा पुलिस की सराहना करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस ने संयम दिखाया और किसी भी बल का उपयोग नहीं किया।

उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस ने केवल इतनी बड़ी तादाद में किसानों को दिल्ली की ओर जाने से रोकने की कोशिश की।

–आईएएनएस

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