किसके हाथ होगी मनपा की तिजोरी की चाबी?

पिंपरी:पुणेसमाचार

स्थायी समिति की मौजूदा अध्यक्षा सीमा सावले समेत ड्रा के जरिए समिति से 8 सदस्य बाहर हो गए, उनका कार्यकाल बीते दिन समाप्त हो गया। कल सम्पन्न हुई समिति की सभा उनके लिए आखिरी सभा रही, जिसमें तकरीबन 600 करोड़ के विकास कार्यों को मंजूरी दी गई। इन 8 सदस्यों की जगह नए सदस्यों की नियुक्ति भी कल की सभा में की गई। अब इस बात को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है कि आखिर अमीर कहलाने वाली पिंपरी चिंचवड़ मनपा की तिजोरी की चाबियां किसके हाथों में जाएंगी?

सत्ता परिवर्तन के बाद सत्ताधारी भाजपा का पूरा दारोमदार अपने हाथों में लेने वाले विधायक लक्ष्मण जगताप और महेश लांडगे दोनों के समर्थकों को स्थायी समिति में बराबर अवसर दिया गया। भाजपा के पुराने निष्ठावानों में से दो को मौका देखकर उनकी भी नाराजगी दूर करने की कोशिश की गई। हांलाकि सांसद अमर साबले और मनपा में भाजपा को सत्ता दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व महापौर आझमभाई पानसरे के किसी समर्थक को मौका नही मिला है। उनके एक समर्थक नगरसेवक ने तो नाराज होकर इस्तीफा तक देने की तैयारी कर ली है।

पवार सबसे सुरक्षित
कल स्थायी समिति में भाजपा के कोटे से नियुक्त हुए 6 सदस्यों में शीतल शिंदे और विलास मडेगीरी को मौका मिला है। ये दोनों क्रमवार महापौर और सभागृह नेता पद के दावेदार माने जाते रहे हैं। उनकी स्थायी समिति में एंट्री से महापौर नितिन कालजे और सभागृह नेता एकनाथ पवार को फ़िलहाल राहत मिल गई है। इनमें सबसे ज्यादा सुरक्षित पवार माने जा रहे हैं क्योंकि महापौर, उपमहापौर और स्थायी समिति अध्यक्ष पदों पर नए सदस्यों को मौका मिलना तय है। सत्ता आने के बाद महापौर पद विधायक महेश लांडगे और स्थायी समिति अध्यक्ष पद विधायक लक्ष्मण जगताप गुट को मिला है। अब जगताप गुट की नजर महापौर और लांडगे गुट की नजर स्थायी समिति अध्यक्ष पद पर है। महापौर पद पर जगताप गुट के शत्रुघ्न काटे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं। वहीं स्थायी समिति अध्यक्ष पद पर लांडगे गुट के राहुल जाधव जो कल ही सद्स्य नियुक्त हुए हैं, के विराजमान होने के आसार हैं।

सात को छटेंगे कयासों के बादल 

हांलाकि फ़िलहाल यह सब महज कयास हैं, अगर दोनों पद लांडगे और जगताप गुटों के पास जस के तस रहे तो स्थायी समिति अध्यक्ष पद किसी और की झोली में भी जा सकता है। पुराने यानी मूल भाजपा के निष्ठावानों के गुट में दूसरी बार नगरसेवक चुने गए शीतल शिंदे और तीसरी बार नगरसेवक चुने गए विलास मडेगीरी (दो बार पत्नी और इस बार खुद) भी तीव्र इच्छुक हैं। क्योंकि उन्हें महापौर और सभागृह नेता पदों से वंचित रखा गया है। फ़िलहाल मनपा तिजोरी की चाबियां रखने वाली स्थायी समिति के अध्यक्ष पद के लिए राहुल जाधव, शीतल शिंदे और विलास मडेगीरी प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। अब पार्टी हाईकमान इन तीनों में से किसी एक को मौका देता है या फिर सरप्राइज तरीके से कोई और ही उसकी  पसंद की कसौटी पर खरा उतरता है? यह 7 मार्च को ही स्पष्ट हो सकेगा।