शर्मा ने कहा, जिस तरह से महामारी के दौरान कृषि अध्यादेश लाया गया था, वह सामान्य नहीं था, इतनी जल्दी क्यों थी, क्यों इसे समिति को नहीं भेजा गया .. वह काला दिन था जब राज्यसभा में कृषि कानून पारित किए गए थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि 26 जनवरी की घटना में एक साजिश थी। मैं इसकी निंदा करता हूं लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक मौजूदा जज द्वारा न्यायिक जांच होनी चाहिए कि लाल किले में कुछ ट्रैक्टर कैसे पहुंचे, किसने उन्हें अंदर जाने दिया।
उन्होंने कहा, किसी को भी उन लोगों पर हमला करने का अधिकार नहीं है जो अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। लाल किले की घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है और इसकी जांच होनी चाहिए। हम 26 जनवरी की हिंसा के दौरान घायल हुए पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हैं।
कांग्रेस नेता ने सरकार से अहंकार को छोड़ कृषि कानूनों को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया।
शर्मा ने कहा, हम देश के हित में प्रधानमंत्री और सरकार का समर्थन करेंगे लेकिन हम उस किसी भी निर्णय को चुनौती देंगे जो देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि किसान अपने अधिकारों के लिए लड़ने और न्याय पाने के लिए मजबूर है और जो स्थिति पैदा हुई है उसके लिए सरकार जिम्मेदार है।
शर्मा ने देश के विकास में कांग्रेस सरकार के योगदान का भी जिक्र किया।
–आईएएनएस
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