कांग्रेस ने ही मुस्लिम-हिंदू के बीच दरार पैदा की : उमा भारती

 चित्रकूट, 27 फरवरी (आईएएनएस)| पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि भारत में बहुत बड़ी संख्या में मुस्लिम तबका रहा है। इस पूरे तबके को खुश करने के लिए राजनीति हुई है।

कांग्रेस ने ही मुस्लिम-हिंदू के बीच दरार पैदा की है। साध्वी उमा गुरुवार को यहां के दीनदयाल शोध संस्थान के उद्यमिता विद्यापीठ परिसर में चल रही राष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल होने पहुंची। उन्होंने कहा कि भारत का बंटवारा कांग्रेस ने धर्म के आधार पर करवाया था। कांग्रेस भारत के अंदर अलग-अलग राज्य में हिंदू और मुस्लिम के बीच विद्रोह करा रही है। कांग्रेस ने ही मुस्लिम-हिंदू के बीच दरार पैदा की है। भारत में जब तक वोट बैंक की राजनीति खत्म नहीं होगी, तब तक यह समस्या बनी रहेगी।

उमा भारती ने कहा कि कांग्रेस ने ही भारत और पाकिस्तान का बंटवारा कराया था और कांग्रेस ही विद्रोह प्रदर्शन करा रही है। इसलिए भारत को कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की विचारधारा से मुक्त होना होगा।

भाजपा नेता ने कहा कि मुस्लिमों की गरीबी और बेरोजगारी समस्या को पीएम मोदी और सीएम योगी दूर कर रहे हैं। इस बात का मुस्लिमों को ध्यान देना होगा। कई बातों का कांग्रेसियों को जवाब देना होगा।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मैंने तब चुनाव नहीं लड़ने की बात कही थी। मीडिया ने समझ लिया कि राजनीति छोड़ दी है। नानाजी देशमुख मेरे पितातुल्य थे। उनके जैसे व्यक्तित्व से ही समझ आता है कि राजनीति चुनाव का विषय नहीं है। राजनीति सेवा के लिए है, स्वार्थ के लिए नहीं।”

गंगा के प्रति खुद को समर्पित बताते हुए उन्होंने कहा, “मेरा जन्म गंगा के लिए हुआ है। मैं गंगा के लिए ही जिऊंगी और मरूंगी।”

राज्यसभा सदस्य प्रभात झा ने कहा कि नानाजी चित्रकूट के विकास के पर्याय हैं। नानाजी के चेहरे पर एक ही भाव था समृद्ध, सवरेपरि और सुदृढ़ गांव। यह क्रांति वर्तमान में भी दिख रही है।

कार्यक्रम में नानाजी को श्रद्धांजलि देने मलूक पीठाधीश्वर वृंदावन के संत राजेंद्र दास, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी, डीआरआई के संरक्षक मदन दास, अध्यक्ष वीरेंद्र जीत सिंह, उपाध्यक्ष डा. नरेश शर्मा, डा. भरत पाठक, प्रधान सचिव अतुल जैन, संगठन सचिव अभय महाजन, मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय भी मौजूद रहे।