कश्मीर में बुलेट प्रूफ उपकरणों के उपयोग की चल रही समीक्षा

श्रीनगर, 21 जून (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही स्टील-कोटेड कवच भेदी गोलियों से बचने के लिए सुरक्षा बल तात्कालिक और दीर्घकालिक, दोनों तरह के उपाय अपना रहे हैं। एक वरिष्ठ सुरक्षा बल अधिकारी ने कहा, “राज्य में हाल ही में और पहले स्टील-कोटेड कवच भेदी गोलियों के इस्तेमाल से आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों पर आए खतरों को टालने के लिए कई तात्कालिक और दीर्घकालिक उपाय अपनाए जा रहे हैं।”

उन्होंने यह भी कहा, “तत्काल उपायों में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले सुरक्षा ढालों का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। दीर्घकालिक उपायों में बुलेट-प्रूफ उपकरणों को अपग्रेड किया जाएगा, उनमें सुधार किया जाएगा, जिनमें तैनात सैनिकों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हेलमेट और जैकेट भी शामिल होंगे।”

12 जून को अनंतनाग शहर के के.पी. रोड पर हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के पांच जवान और राज्य पुलिस के एक अफसर के शहीद होने के बाद सीआरपीएफ द्वारा किए गए आंतरिक जांच के बाद हाल ही में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों और राज्य पुलिस में अलर्ट जारी किया गया।

जांच के निष्कर्षो से पता चला कि इस हमले में शामिल एक पाकिस्तानी नागरिक जो जैश-ए-मुहम्मद का इकलौता फिदायीन आतंकवादी था, वह स्टील-कोटेड बुलेट के इस्तेमाल के चलते अधिकतम नुकसान पहुंचाने में सफल रहा।

सूत्रों के अनुसार, मारे गए आतंकियों की राइफल मैगजीन में 18 जीवित स्टील-कोटेड बुलेट मिली थीं। इनमें से कुछ का इस्तेमाल उसने सीआरपीएफ के जवानों और राज्य पुलिस स्टेशन हाउस अफसर (एसएचओ) अरशद खान को अपना निशाना बनाने के लिए किया था।

एक अन्य सूत्र ने यह भी कहा कि सुरक्षा बलों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले बुलेट प्रूफ उपकरणों पर सुरक्षा की अतिरिक्त परतें लगाईं जा रही हैं।