मंगलवार शाम को होने वाली विधायक दल की बैठक में पार्टी सीएम पद के लिए उम्मीदवार को अंतिम रूप देने से पहले इन कारकों पर चर्चा हो सकती है।
सूत्र बताते हैं, अगर लिंगायत उम्मीदवार को शीर्ष पद के लिए चुना जाता है, तो एससी, ओबीसी और वोक्कालिगा समुदायों को प्रतिनिधित्व देने के लिए तीन या तीन से अधिक उपमुख्यमंत्री होंगे। यदि लिंगायत के अलावा किसी अन्य उम्मीदवार को मौका दिया जाता है, तो येदियुरप्पा के बेटे बी.वाई. विजयेंद्र पर उप मुख्यमंत्री पद के लिए विचार किया जा सकता है।
ऐसे में पार्टी सिर्फ लिंगायत वोट बैंक को मनाने के लिए एक उपमुख्यमंत्री का पद अपने पास रखेगी। यदि पार्टी लिंगायत के अलावा किसी अन्य उम्मीदवार को चुनती है, तो अन्य समुदाय के नेताओं को समायोजित करने के लिए तीन या अधिक उप मुख्यमंत्री पद सृजित किए जाएंगे।
पूर्व पर्यटन मंत्री सी.पी. योगेश्वर, पूर्व परिवार कल्याण मंत्री बी. श्रीरामुलु, भाजपा के वरिष्ठ नेता वी. सुनीलकुमार का नाम उपमुख्यमंत्रियों की दौड़ में आगे बताया जा रहा है।
पार्टी वरिष्ठ नेता अरविंद लिंबावली को पार्टी अध्यक्ष के रूप में स्थापित करने पर भी विचार कर रही है। उत्तरी कर्नाटक के एक दलित नेता लिंबावली बेंगलुरु में चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। पार्टी सोच रही है कि अगर किसी दलित को पार्टी प्रमुख बनाया जा रहा है और मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पदों पर अन्य समुदायों का प्रतिनिधित्व किया जा सकता है, तो यह राज्य में मुख्य विपक्षी दल, कांग्रेस के वोट बैंक को एक मजबूत झटका दे सकता है।
–आईएएनएस
एमएसबी/आरजेएस