कर्नाटक में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए मुफ्त दूध वितरण शुरू

बेंगलुरू, 19 जून (आईएएनएस)। कर्नाटक ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में नामांकित स्कूली बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए मिल्क पाउडर- क्षीरा भाग्य का मुफ्त वितरण फिर से शुरू करने का फैसला किया है।

सरकार की ओर से शुक्रवार देर रात जारी सकरुलर के अनुसार दूध योजना- क्षीरा भाग्य का यह मुफ्त वितरण अस्थाई रूप से फिर से शुरू किया जाएगा। सकरुलर में यह भी कहा गया है, कक्षा 1 से 10 तक के प्रत्येक स्कूली छात्र को दो महीने, जून और जुलाई के लिए 500 ग्राम दूध पाउडर मुफ्त मिलेगा।

दूध की आपूर्ति फिर से शुरू करने का कर्नाटक सरकार का निर्णय कई बाल कार्यकर्ताओं, झुग्गी बस्तियों के साथ काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों, कई अवसरों और मंचों पर स्कूली बच्चों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अलावा विपक्ष के नेता, सिद्धारमैया, जिन्होंने 2013 में इस योजना को शुरू किया था, उनकी पृष्ठभूमि में दूध की आपूर्ति फिर से शुरू करने की मांग कर रहा था।

लॉजिस्टिक चुनौतियों और अन्य मुद्दों के कारण कर्नाटक ने स्कूलों को मुफ्त दूध की आपूर्ति बंद कर दी थी, क्योंकि मार्च 2020 में महामारी के प्रकोप के कारण स्कूल शारीरिक रूप से बंद हो गए थे।

सकरुलर में कहा गया है कि इस योजना का लक्ष्य लगभग 51,000 सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से कक्षा 10 तक के 56,64,873 बच्चों को शामिल करना है।

राज्य सरकार ने आंगनबाड़ियों के अपने विशाल नेटवर्क के माध्यम से 6 साल से कम उम्र के बच्चों को दूध पाउडर वितरण पहले ही शुरू कर दिया था। राज्य में लगभग 64,000 आंगनबाड़ियों में लगभग 39 लाख बच्चे नामांकित हैं।

अभी चार दिन पहले 15 जुलाई को कर्नाटक की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री शशिकला जोले ने बाल पोषण कार्यक्रम की समीक्षा के बाद संवाददाताओं से कहा था कि राज्य में करीब 4.47 लाख कुपोषित बच्चे हैं और इनमें से 7,751 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं।

उन्होंने कहा, वर्तमान में हमारा ध्यान इन बच्चों के बीच कुपोषण से निपटने को सुव्यवस्थित और सुधारने पर है क्योंकि लंबे समय तक तालाबंदी और परिवहन आंदोलन के गंभीर प्रतिबंधों के कारण कुपोषण कार्यक्रम गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। हम इन मुद्दों को मामले के आधार पर संबोधित करने की कोशिश कर रहे हैं।

सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में कहा, आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के बच्चों के लिए कुपोषण प्रमुख मुद्दा है, इसलिए सरकार को राज्य में तीसरी कोविड लहर आने से पहले दूध के मुफ्त वितरण को फिर से शुरू करने के लिए कदम उठाने चाहिए।

–आईएएनएस

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