करियर को लेकर छात्रों को भ्रम से निकालते अक्षिता बहुगुणा और डॉ राजेश नैथानी के प्रो. ड्रौउ

नई दिल्ली 9 जून (आईएएनएस)। युवाओं का देश भारत जहाँ हर युवा पढ़ लिख कर अपने सपनों को पंख दे सफलता की उड़ान भरना चाहता है, लेकिन अगर सही दिशा और मार्गदर्शन न मिले तो भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है। अक्षिता बहुगुणा और डॉ राजेश नैथानी की पुस्तक प्रो. ड्रौउ करियर कोचिंग आपको उसी भ्रम से निकाल आपको पेशेवर पाठ्यक्रमों के अलावा सभी व्यावहारिक करियर विकल्पों का पता लगाने में आपकी मदद करती है । ये छात्रों को आवश्यक कौशल और मूल्यों पर प्रकाश डालती है जो एक संपन्न करियर बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
दोनों लेखकों का समृद्ध अनुभव पुस्तक में अच्छी तरह से परिलक्षित होता है। डॉ राजेश नैथानी शिक्षा के क्षेत्र में भारत ही नहीं, कई अन्य देशों का व्यावहारिक अनुभव रखते हैं । वो भारत के शिक्षा मंत्रालय में बतौर सलाहकार काम करने का अनुभव रखते हैं । दूसरी लेखिका अक्षिता बहुगुणा का भी शिक्षा के क्षेत्र में खासा अनुभव है । दोनों लेखकों ने अपना पूरा अनुभव किताब में डालकर इसे आज के युवाओं के लिए पठनीय योग्य बनाने का कार्य किया है।

इस पुस्तक में प्रो. ड्रौउ जो मेंढक के रूप में एक काल्पनिक चरित्र हैं, उसे रचनात्मक रूप से उपयोग किया है। ये छात्रों को अपने जीवन के अनुभव के माध्यम से छात्रों तथा अभिवावकों से संवाद स्थापित कर उनकी दुविधाओं को दूर करने का काम करता है । यह किताब न केवल छात्रों के लिए बल्कि भ्रमित माता-पिता के लिए भी करियर कोचिंग के बारे में है। इस पुस्तक में उन दुविधाओं को शामिल किया गया है जिनका सामना छात्रों और उनके माता-पिता को करियर विकल्पों के संबंध में निर्णय लेने में करना पड़ता है। आकांक्षी छात्रों और उनके माता-पिता का दिमाग अस्पष्ट होता है जो यहां भ्रम का प्रतिनिधित्व करता है। मेढक रुपी प्रो. ड्रौउ भ्रम के दलदल में गोता लगाते हैं ताकि समाधान के साथ उसमें से निकल सकें। इससे पाठकों को एक मनोरंजक कहानी के रूप में विषय को समझने का मौका मिलता है, जो इस किताब की सबसे बड़ी खूबी है।

ये पुस्तक दो भागों में विभाजित है, और इसमें पाँच अध्याय हैं। पुस्तक का पहला भाग छात्रों और अभिभावकों के दोषहीन ²ष्टिकोण के बारे में बात करता है जो कई दुविधाओं को जन्म देती है। यह भाग दिलचस्प कहानी के माध्यम से विद्यार्थियों को उनके अंदर गहराई में ले जा कर खुद को खोजने का प्रयास करता है। छात्रों के निर्णय लेने को आसान बनाने और उन्हें अपने स्वयं की पहचान करके उचित निर्णय लेने में मदद करने में किताब काफी सफल है। विषयवस्तु को सरल भाषा में समझाया गया है । पुस्तक में उन छात्रों के केस स्टडी को भी शामिल किया गया है जिन्हें प्रोफेसर ड्रौउ ने कोचिंग दी थी। इसमें वास्तविक अनुभवों को कहानी के रूप में बताया गया है।

यह कहानियां पाठक को उनसे संबंधित होने और यह समझने में मदद करती हैं कि कैसे उचित निर्णय लिया जाए और एक सफल करियर का विकल्प ढूंढा जाए जो उनके करियर के विकास और स्वयं के संतोष के लिए एक उचित जगह बना सके। पुस्तक का अंतिम भाग आत्म-निर्भरता की अवधारणा के बारे में बात करता है जो स्वयं और करियर निर्माण के सबसे महत्वपूर्ण घटक के रूप में है। इस भाग में छात्रों को प्रेरित करने के लिए प्रसिद्ध और सफल व्यक्तियों की कहानियां हैं। वर्तमान शिक्षा प्रणाली के मुद्दों पर चर्चा करते हुए मुद्दों को हल करने के लिए आत्मनिर्भरता को कौशल और मूल्य माना जाता है। अध्याय में आत्मनिर्भर जीवन जीने के लिए आवश्यक विशेषताओं और आत्मनिर्भरता के प्रकार, बौद्धिक आत्मनिर्भरता, शारीरिक आत्मनिर्भरता, आर्थिक आत्मनिर्भरता और भावनात्मक आत्मनिर्भरता को शामिल किया गया है। यह उन सभी छात्रों के लिए आवश्यक है, जो दिशाहीन हैं, या अपने करियर को लेकर विमूढ़ हैं । युवाओं को उनके करियर को आकार देने में मदद करने के लिए माता-पिता और शिक्षकों के लिए, यह पुस्तक एक व्यापक गाइड है ।

–आईएएनएस

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