करतारपुर साहिब की वीजा-मुक्त यात्रा पर पाकिस्तान सहमत (लीड-1)

 अमृतसर, 14 जुलाई (आईएएनएस)| पाकिस्तान रविवार को अपने जमीन पर स्थित ऐतिहासिक करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के लिए भारतीय पासपोर्ट धारकों और ओवरसीज सिटीजनशिप आफ इंडिया (ओसीआई) कार्डधारकों के लिए वीजा-मुक्त, साल भर की यात्रा की अनुमति देने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गया है।

  गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव (आंतरिक सुरक्षा) एस. सी. एल. दास ने यहां अटारी में संवाददाताओं से कहा कि प्रतिदिन पांच हजार तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा जाने की अनुमति होगी। यह तीर्थयात्री चाहें तो व्यक्तिगत रूप से जा सकते हैं या समूह में जा सकते हैं।

पाकिस्तान सीमा पार करतारपुर साहिब कॉरीडोर के तौर तरीकों पर समझौते को अंतिम रूप देने के लिए संचार का एक चैनल बनाए रखने पर सहमत हुआ, यह विश्वास दिलाते हुए कि यहां ‘किसी भी प्रकार की भारत विरोधी गतिविधि की इजाजत नहीं दी जाएगी।’

करतारपुर साहिब गलियारा भारत के गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को जोड़ेगा।

दास ने पाकिस्तान में वाघा में दूसरी द्विपक्षीय बैठक के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, पंजाब सरकार और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के प्रतिनिधि शामिल थे।

दास ने कहा कि पाकिस्तान ने कहा कि वह अपनी ओर की ढांचागत कमियों को दूर करेगा। उसने भारतीय पक्ष को यह भी बताया कि भारत के कई प्रस्तावों पर वह चरणबद्ध तरीके से अमल करने का प्रयास करेगा।

पाकिस्तान के नरोवाल जिले में करतारपुर गुरुद्वारा है जहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने अंतिम दिन बिताए थे।

यह गलियारा 31 अक्टूबर तक पूरा होने वाला है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत कर सकता है।

पाकिस्तान में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने बैठक के बाद वाघा में संवाददाताओं से कहा, “पाकिस्तान और भारत के बीच कॉरीडोर के तौर-तरीकों पर एक समझौता हुआ है और इस बारे में एक और बैठक के होने की संभावना है।”

भारत ने विशेष अवसरों पर अतिरिक्त 10 हजार तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने की अनुमति देने की मांग उठाई।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में भी राजनयियक की उपस्थिति मांगी, ताकि जरूरत पड़ने पर तीर्थयात्रियों को सहायता प्रदान की जा सके।

दास ने कहा, “पाकिस्तान पक्ष ने हमारे प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि भारत विरोधी किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी।”

भारत ने पाकिस्तान से आग्रह किया कि वह खालिस्तान समर्थकों को इस ऐतिहासिक पहल का दुरुपयोग करने से रोके।

विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, “पाकिस्तान स्थित व्यक्तियों या संगठनों के बारे में भारत ने चिंता व्यक्त की, जो अवसर का दुरुपयोग कर तीर्थयात्रा को बाधित करने व तीर्थयात्रियों की भावनाओं के साथ खेलने की कोशिश कर सकते हैं।”

इस संबंध में चिंताओं को उजागर करने के लिए पाकिस्तान को एक डोजियर सौंपा गया है।