ओ.पी. जिंदल यूनिवर्सिटी के विस्तार के लिए चांसलर नवीन जिंदल करेंगे 1,000 करोड़ रुपये का निवेश

नई दिल्ली, 22 फरवरी (आईएएनएस)। भारत के जाने-माने उद्योगपति, समाजसेवक और ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) के संस्थापक चांसलर नवीन जिंदल ने अगले दशक के लिए जेजीयू विजन 2030 के मुताबिक निकट भविष्य में विश्वविद्यालय के विस्तार के लिए 1,000 करोड़ के निवेश की अपनी योजना का ऐलान किया है।

हरियाणा के सोनीपत में स्थित जेजीयू को भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा साल 2019 में इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस (आईओई) के रूप में मान्यता दी गई थी।

इस राशि का उपयोग शैक्षणिक और बुनियादी ढांचे के विकास, छात्र-छात्राओं को नई विश्व स्तरीय सुविधाएं देने, हॉस्टल, स्कूल, फैकल्टी कार्यालयों का निर्माण करने, बेहतरीन शिक्षण सुविधाओं के लिए किया जाएगा। चांसलर नवीन जिंदल द्वारा जेजीयू विजन 2030 के लिए वित्तीय संसाधनों की यह व्यापक प्रतिबद्धता वित्तीय, शैक्षणिक और भौतिक परिणामों को प्राप्त करने के प्रयासों को बढ़ावा देगी, जो इंस्टीट्यूशनऑफ एमिनेंस बनने की इसकी योजना का आधार रही है।

नवीन जिंदल इस पर कहते हैं, ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) की स्थापना जीवन के विभिन्न चरणों में उत्कृष्ट व्यक्तित्वों का निर्माण करने के लिए सीखने और शैक्षणिक छात्रवृत्ति के एक केंद्र के रूप में मेरे पिता श्री ओ. पी. जिंदल के स्मरण में की गई थी। मुझे यह देखकर खुशी होती है कि जेजीयू अपने यहां के शिक्षकों, विद्यार्थियों और अन्य सभी कर्मचारियों की बौद्धिक उत्कृष्टता और लगातार कड़ी मेहनत के माध्यम से अपने उस उद्देश्य को पूरा कर रहा है, जिसे ध्यान में रखते हुए इसका निर्माण किया गया है। जेजीयू विजन 2030 में हमने अपने कैंपस का विकास करने और आगे इसके निर्माण की योजना बनाई है। हमारे पास 1,600 संकाय सदस्यों के लिए कार्यालय होंगे, 12,000 से अधिक छात्रों के लिए आवास की सुविधा होगी, एक विश्व स्तरीय स्पोर्ट्स सेंटर होगा और इन सबके लिए कुल मिलाकर 1,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

यह साल नवीन जिंदल के चांसलरशिप और सी. राज कुमार के वाइस-चांसलरशिप की 12वीं वर्षगांठ है। विश्वविद्यालय के उच्च पदों पर आसीन व्यक्तित्वों ने जेजीयूविजन 2030 की नींव रखी है, जो कि विश्व स्तर पर प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ अभिजात वर्ग समूह में प्रवेश करने की आकांक्षा रखता है और साथ में ईमानदार और बुद्धिमान विद्यार्थियों के साथ राष्ट्र-निर्माण में अपना योगदान देने की भी ख्वाहिश रखता है।

इस मौके पर ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) के संस्थापक कुलपति सी. राज कुमार ने कहा, साल 2009 में जेजीयू की स्थापना के बाद से विश्व स्तरीय शिक्षण और अनुसंधान संस्थान बनना हमारी ²ढ़ प्रतिबद्धता है। प्रतिबद्धता और समर्पण के माध्यम से जेजीयू के 830 से अधिक संकाय सदस्य, 6,600 छात्र और इसके उत्कृष्ट कर्मचारी लगातार इस लक्ष्य के अनुरूप कार्य करते हैं। विश्वविद्यालय रैंकिंग में हमारा प्रदर्शन हमारे बहु-विषयक शिक्षण और अनुसंधान की उच्च गुणवत्ता को दर्शाता है। नए दशक में जेजीयू के लिए कुलाधिपति नवीन जिंदल की विस्तार योजना और इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये का निवेश हमें और बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है। उनका समर्थन और परोपकारी विचार न केवल हमें बेहतरीन नेतृत्व और संसाधन प्रदान करता है, बल्कि एक सशक्त प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है जिससे कि हम निजी विश्वविद्यालयों की श्रेणी में पहले स्थान पर आ सकें।

चांसलर नवीन जिंदल ने आगे कहा, मुझे इस बात की खुशी है कि जेजीयू ने अपने निर्माण के पहले दशक में ही न केवल दुनिया में अपनी पहचान बनाई है, बल्कि इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस के तौर पर भारत सरकार द्वारा इसे मान्यता भी दी जा चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत भारत सरकार मिशन आत्मनिर्भर के लिए काफी मेहनत कर रही है। इस लक्ष्य को हासिल करने में उच्च शिक्षा का काफी महत्व है और मेरा मानना है कि जेजीयू जैसे उत्कृष्ठ विश्वविद्यालयों का निर्माण इस दिशा में एक प्रयास है।

–आईएएनएस

एएसएन/एएनएम