ऑटो उद्योग में कमजोर मांग लगातार छठे माह जारी

नई दिल्ली, 13 मार्च (आईएएनएस)| फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाईल डीलर्स एसोसिएशंस (एफएडीए) ने बुधवार को फरवरी, 2019 के वाहनों के मासिक पंजीकरण के आंकड़े जारी किए। आंकड़ों के मुताबिक इस वित्त वर्ष में फरवरी सबसे मंद महीनों में से एक रहा। एफएडीए के अध्यक्ष आशीष हर्षराज काले ने कहा, “जनवरी में पीवी की सेल्स में एक माह तक हुई वृद्धि साल के अंत एवं स्टॉक क्लियरेंस की वजह से तथा इस उद्योग में कुछ नए लॉन्च हुए वाहनों के प्रति उत्साह के कारण थी। इस वृद्धि के बाद उद्योग ने एक बार फिर नकारात्मक रुख ले लिया है और फरवरी इस वित्तवर्ष के दौरान ऑटो की रिटेल में सबसे मंद महीनों में से एक बन गया है।”

उन्होंने कहा, “भारत में ऑटो की बिक्री में काफी लंबे समय से मंदी चल रही है और बिक्री में यह मंदी तथा नकारात्मक वृद्धि पिछले छह महीनों से जारी है। निकट भविष्य में भी इस स्थिति के सुधार के संकेत कम हैं।”

जारी बयान के अनुसार, सितंबर में बीमा के खर्च में तीव्र वृद्धि के बाद पिछले कुछ महीनों में कई नकारात्मक चीजों के कारण ग्राहकों ने नए वाहन खरीदने के निर्णय को स्थगित किया है और ग्राहकों की मांग कमजोर हुई है।

बयान के अनुसार, देश के कोने-कोने में ऑटो डीलरों के पास सभी श्रेणियों में बहुत ज्यादा स्टॉक हो गया है और पैसेंजर वाहनों एवं कमर्शियल वाहनों की इन्वेंटरी बहुत बढ़ गई है। पिछले दो महीनों में इस स्थिति में आंशिक सुधार हुआ था, लेकिन उसके बाद स्थिति फिर से नवंबर, 2018 की अनिश्चित स्थिति में आ गई।

एफएडीए टूव्हीलर डीलर्स में से कुछ स्थानों पर तो स्टॉक 100 दिनों से ज्यादा समय से जमा है।

एफएडीए अध्यक्ष ने कहा, “एफएडीए एवं समूचे ऑटो उद्योग का मानना है कि मांग की कमी अस्थायी है और भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते ऑटो बाजारों में से एक होगा।”