एसबीआई ने ब्याज दरें घटाई, एफडी की दर में कटौती की (लीड-1)

मुंबई, 9 सितम्बर (आईएएनएस)| भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सोमवार को अपनी मार्जिनल कास्ट आधारित उधारी दर (मार्जिनल कास्ट लेंडिंग रेट या एमसीएलआर) में 10 आधार अंकों की कटौती और सावधि जमा पर दरें घटाने की घोषणा की। बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 में पांचवी बार एमसीएलआर दर में कटौती की है।

बैंक ने कहा कि उसने सभी फिक्स्ड जमा पर ब्याज दर घटा दिया है।

दरों में कटौती के बाद एक साल की एमसीएलआर आधारित उधारी दर 8.25 फीसदी से कम होकर 8.15 फीसदी हो जाएगी, जोकि 10 सितंबर से प्रभावी होगी।

एसबीआई के अलावा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, आईडीबीआई बैंक और आईडीएफसी बैंक ने भी सोमवार को कर्ज की दरें घटाने की घोषणा की।

साल 2019 में आरबीआई ने कर्ज की दरों में कुल 110 आधार अंकों की कटौती की थी, लेकिन किसी भी सरकारी या निजी बैंक ने इसका लाभ अपने ग्राहकों को नहीं दिया।

आरबीआई ने दरों में कटौती के उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचने के मुद्दे का समाधान करते हुए घोषणा की कि 1 अक्टूबर 2019 से दिए जाने वाले सभी कर्जो को चार में से किसी भी एक्सटर्नल बेंचमार्क से जोड़ना होगा।

एसबीआई ने इसके अलावा फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) दरों में भी पिछले दो महीनों में तीसरी बार कटौती की है, जो कि विभिन्न समयावधि के लिए 20 से 25 आधार अंकों की कटौती है। बल्क डिपॉजिटर्स के लिए एफडी दरों में विभिन्न समयावधि के लिए 10-20 आधार अंकों की कटौती की गई है, जो कि 10 सितंबर से प्रभावी होगी।

हालांकि, फिक्सड डिपॉजिट की दरों में कटौती सभी उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद नहीं है, खासतौर से उन के लिए जो एफडी को फिक्स्ड आय के जरिए के रूप में देखते हैं, जिसमें खासतौर से पेंशनभोगी शामिल हैं, जो जोखिम मुक्त दीर्घावधि निवेश के लिए एफडी में निवेश करते हैं।