एलएनआईपीई ग्वालियर में लगा है मशहूर खेल हस्तियों का मेला

ग्वालियर, 17 अगस्त 2019 (आईएएनएन)। मध्य प्रदेश राज्य के ग्वालियर शहर में दो दिन से देश और दुनिया भर की विश्व विख्यात खेल हस्तियों का मेला सा लगा हुआ है। खेल की दुनिया की यह तमाम हस्तियां लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान (एलएनआईपीई) के 62वें स्थापना दिवस समारोह में हिस्सा लेने पहुंची हैं। दो दिन तक चलने वाले इस भव्य और ऐतिहासिक समारोह का शुभारंभ शुक्रवार सुबह हुआ था। जिसका समापन शनिवार देर रात रंगारंग कार्यक्रम के साथ होगा।

इस दो दिवसीय ऐतिहासिक खेल मेले के कारण शहर के तमाम होटल, स्टेशन रोड, बस अड्डों पर अधिकांश समय ग्वालियर के बाशिंदों को नये-नये चेहरे ज्यादा दिखाई पड़ रहे हैं। वजह, अपने स्वर्णिम इतिहास को याद करने के लिए 16 और 17 अगस्त को हर साल विश्वविद्यालय द्वारा मनाये जाने वाले स्थापना दिवस समारोह में हिस्सा लेने आने वाले मेहमानों की एकदम बढ़ी आवाजाही. इनमें ज्यादातर वे माता-पिता, परिजन भी हैं जिनकी संताने या अपने खेल की दुनिया में नाम कमा चुकने के बाद, या फिर खेल की दुनिया में शिक्षा की ऊंचाईयां छूने के सपने आँखों में पाले-पाले देश-दुनिया के दूर-दराज इलाकों से एलएनआईपीई ग्वालियर की देहरी पर चले आये हैं।

भारत और एशिया भर में खेल शिक्षा के लिए मशहूर एलएनआईपीई खेल विश्वविद्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद जुल्फिकार अली ने आईएएनएस से खास बातचीत में बताया कि, इस 62वें स्थापना दिवस समारोह में विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और उत्तर प्रदेश के पूर्व खेल निदेशक मशहूर अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी विजय सिंह चौहान की उपस्थिति नए छात्रों में आकर्षण का प्रमुख केंद्र होगी। अर्जुन अवार्ड प्राप्त विजय सिंह चौहान देश के इकलौते ऐसे रिकॉर्डधारी स्वर्ण पदक विजेता हैं जिनके ऊपर हिंदुस्तान में पीएचडी की गयी है। 1970 के दशक में भारत के लिए एशियाड खेलों में दुनिया में नया रिकॉर्ड कायम करके विजय सिंह चौहान ने डिकेथलॉन जैसे कठिन खेल में भारत को स्वर्ण पदक दिलाकर इतिहास रच दिया था। खेल की दुनिया की यह स्वर्णिम इबारत विजय सिंह चौहान ने सन 1974 में तेहरान में आयोजित एशियन गेम्स में लिखी थी।

आईएएनएस से खास बातचीत के दौरान एशियाई खेलों के रिकार्ड होल्डर (डिकेथलॉन) और समारोह में आकर्षण का केंद्र रहे अर्जुन अवार्ड विजेता विजय सिंह चौहान ने बताया, ‘ लक्ष्मीबाई सिर्फ खेल का विश्वविद्यालय नहीं है। यह खेल का बेहतरीन और खुबसूरत मंदिर है। मैं स्वंय सन् 1969 में यहीं से शारीरिक शिक्षा में स्नातक करके निकला। उसके बाद ही मैने सन 1974 में तेहरान में आयोजित एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल हासिल करके रिकॉर्ड कायम किया था।

अपने आप में अनूठे और इस भव्य खेल-मेले की शुरूआत यूं तो शुक्रवार सुबह से ही हो गयी थी। शुक्रवार को पूरे दिन विवि परिसर में आंतरिक खेलों और मन मोहक रंगारंग सांस्कृतिक समारोह का आयोजन हुआ। वही सांस्कृतिक समारोह, जिनके पीछे छिपी थी अपनों से दूर.यहां के छात्रावासों में रहकर पढ़ रहे विद्यार्थियों की एक महीने की रुह कंपा देने वाली कड़ी मशक्कत. शिवाजी, प्रताप, सुभाष, आजाद और अरविंदो हाउस (छात्रों के सभी पांच हाउस) और सरोजनी, टैगोर तथा पद्मिनी हाउस (छात्राओं के तीनों हाउस) के, छात्र-छात्राओं द्नवारा ‘मार्च पास्ट ‘ में अपने हाउस के लिए आधी-आधी रात तक बहाया गया पसीना। तड़के फिर 4 बजे से बोझिल आँखों और बेदम बदन से दुबारा ‘मार्च-पास्ट’ में जुटकर किसी भी आम इंसान के रोंगटे खड़ी कर देने वाली बेइंतहाई मेहनत की हर सुबह।

शनिवार सुबह से ही विश्व विद्यालय परिसर में समारोह के कार्यक्रमों की शुरूआत हो गयी थी. शाम ढले रंगारंग कार्यक्रम के साथ इस एतिहासिक मेले का समापन होगा. सन् 2020 में फिर और इससे भी ज्यादा उत्साह के साथ यादों को संजोने-बांटने की उम्मीदों-वायदों के साथ। शाम के वक्त होने वाले समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल(सीआरपीएफ) के महानिरीक्षक आर.पी. पाण्डेय होंगे। जबकि विवि के आंतरिक खेल निदेशक (पुरुष वर्ग) डॉ. वाई.एस. राजपूत छात्रों के उत्साहवर्धन के लिए स्वागत भाषण देंगे।

आंतरिक खेल सचिव कु. नोरजोम भूटिया शपथ लेंगी। इसके बाद मार्च-पास्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा. अर्जुन पुरस्कार प्राप्त विजेता अंततराष्ट्रीय खिलाड़ी विजय सिंह चौहान और प्रोफेसर एस. मनी सिंह छात्र-छात्राओं को खेल की दुनिया में हासिल अपने खट्टे-मीठे अनुभवों से अवगत करायेंगे।

आंतरिक खेल (महिला) डॉ. अनंदिता दास मेहमानों के प्रति आभार भाषण देंगी। प्रो. जी.डी. घई प्रतियोगिता परिणाम घोषित करेंगे। वृक्षारोपण समारोह से पूर्व विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. दिलीप कुमार दुरेहा, रजिस्ट्रार (रिटायर्ड कर्नल) जनक सिंह शेखावत मेहमानों के प्रति आभार व्यक्त करेंगे।