एमआइटी को बदनाम करने का षडयंत्र

पत्रकार परिषद में प्रा. स्वाती कराड-चाटे ने सभी आरोपों को ठुकराया

पुणे : १२वीं की छात्राओं के कपडे उतरवाकर तलाशी करने की घटना, यह केवल एमआईटी संस्था को नाहक बदनाम करने का एक षडयंत्र रचा गया है. लोणी कालभोर पुलिस थाने में दर्ज शिकायत में किसी भी तरह तथ्य नही है. शिकायतकर्ता छात्रा को कॉपी करने नहीं देने से उसने और उसके अभिभावक संस्था की बदनामी करने पर उतरी है. इसलिए आगे चलकर हम १०वीं तथा १२वीं बोर्ड की परिक्षा के लिए संस्था का केंद्र मुहैया नहीं कराएंगे. क्यों कि बिना वजह हमें बदनामी झेलनी पड रही है. यह स्पष्ट विचार माईर्स एमआयटी की कार्यकारी संचालिका प्रा. स्वाती कराड-चाटे ने आयोजित पत्रकार परिषद में रखे.

इस परिषद में माईर्स एमआइटी के सचिव प्रा. डॉ. मंगेश तु. कराड, एमआइटी के कनिष्ठ महाविद्यालय के प्राचार्य विरेंद्र बावस्कर, संस्था की महिला कर्मचारी जानकी पाठक व शकुंतला पाटील उपस्थित थी.

शिकायतकर्ताने लगाए सभी आरोपों को ठुकराते हुए प्रा. स्वाती कराड ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, छात्रों को कॉपी करने से रोकने के लिए सभी परिक्षा केंद्रों पर विद्यार्थीयों के लिए पुरूष कर्मी तथा विद्यार्थीयों के लिए उस संस्था की महिला कर्मचारी, माध्यमिक शिक्षा मंडल ने नियुक्त किए होमगार्ड विभाग की महिलाएं कर्मचारी उपस्थित रहती है. परिक्षा शुरू होने के १५ मिनटपूर्व सभी छात्रों की शिक्षा बोर्ड नियम अनुसार ही जांच होने के बाद परिक्षा हॉल में छोडा जाता है. इसी नियमों का पालन करते हुए एमआइटी के लोणी कालभोर परिक्षा केंद्र पर सभी छात्रों की जांच हुई. किसी भी छात्रा को विविस्त्र कर जांच नही हुई.

इस संस्था में केंद्र पर ९० छात्राए परिक्षा दे रही है. केंद्र पर उच्च माध्यमिक केंद्र के नियमों का पालन होता है. यहां पर शिकायतकर्ता छात्र को कॉपी करने नही दिया. इससे गुस्साए उस छात्रा ने और उसके अभिभावक ने झूठी शिकायत दर्ज कर बदनाम किया है. संस्था तथा संस्था के सभी कर्मचारियों पर जो आरोप लगए है वह सब झुठे है.

डॉ. मंगेश तु. कराड ने कहा, हमारी संस्थाने कभी भी कॉपी करने को बढावा नहीं दिया है. कॉपी करने पर अंकुश लगाने पर परिक्षार्थीयों के अभिभावकों ने संस्था के प्राचार्य तथा शिक्षकों को धमकी दी. साथ ही गांव के लोगों ने हंगामा खडा किया था. बावजूद संस्थाने बोर्ड के सभी नियमों का पालन किया है. कॉपी करने नहीं देने से कुछ लोगों ने संस्था के प्राचार्य व अन्य कर्मचारियों से गालीगलोच कर जान से मारने की धमकी दी. जिसको लेकर संस्था के प्राचार्य ने उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर की है.

एमआइटी के कनिष्ठ महाविद्यालय के प्राचार्य विरेंद्र बावस्कर ने कहा, शिकायतकर्ता छात्राने ३ मार्च को पेपर नहीं होने के बावजूद स्कूल ड्रेस पहनकर परीक्षा केद्र में अभिभावकों के साथ आकर हंगामा खडाकर यहां के कर्मचारियों को धमकाया और पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की. बोर्ड नियमअनुसार केंद्र में पाबंदी होने के बावजूद अभिभावकों ने सुरक्षा गार्ड को धमकी दी. साथ ही संस्था के कर्मचारियों को जातिवाचक गालीगलौच की. इसके अलावा मुझे भी जान से मारने की धमकी दी. सभी गैरमामले को लेकर संस्था की ओर से लोणी कालभोर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की है.

संस्था की महिला कर्मचारी जानकी पाठक तथा शकुंतला पाटिल ने कहा, हमने कॉपी चेक करने के लिए किसी भी छात्राओं के कपडे उतारे नही. हम पर झुठे आरोप लगाए जा रहे है. बोर्ड नियमअनुसार जो जांच होती है उसका पालन किया है.