मैकरूमर्स की रिपोर्ट के मुताबिक एनालिस्ट मिंग-ची कुओ से प्राप्त एक नई रिपोर्ट में बताया गया है कि अधिकतर वर्चुअल रिएलिटी हेडसेट्स फ्रेसनेल लेंस का इस्तेमाल करते हैं ताकि अल्ट्रा-शॉर्ट फोकल लेंथ्स के लिए इसे सक्षम बनाया जा सके। लेकिन ये हेडसेट्स वजन में लगभग 300-400 ग्राम या उससे अधिक के होते हैं। लाइटहाऊस की किरणों पर फोकस करने के लिए करीब 200 साल पहले इनका आविष्कार किया गया था।
इस डिवाइस में शीशे की जगह प्लास्टिक से बनाए गए लेंस लगाए गए हैं, जो कि हल्के हैं। लेकिन यह कितना टिकाऊ होगा इस बारे में अभी भी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
इस आगामी मिक्स्ड रिएलिटी हेडसेट में आई-ट्रैकिंग फीचर और आईरिस रिकॉग्निशन के होने की उम्मीद जताई जा रही है।
इस आई-ट्रैकिंग सिस्टम में एक ट्रांसमीटर और एक रिसीवर के होने की भी उम्मीद जताई जा रही है, जो आई मूवमेंट को डिटेक्ट करने के साथ ही उसका विश्लेषण कर पाने में भी सक्षम होगा। इसकी मदद से एल्गोरिदम के आधार पर यूजर्स को तस्वीरें और जानकारियां मुहैया कराई जाएंगी।
कुओ का मानना है कि आई-ट्रैकिंग सिस्टम यूजर फ्रेंडली होने के साथ ही काफी बेहतर अनुभव प्रदान करता है।
–आईएएनएस
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