एपीआई आयात पर भारत की निर्भरता कम करेगी फार्मा पीएलआई योजना : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 3 जुलाई (आईएएनएस)। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंड-रा) ने कहा कि भारत की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना प्रमुख सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) के लिए आयात पर भारत की निर्भरता को कम करेगी।

रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि आयात निर्भरता मध्यम अवधि में लगभग 43 प्रतिशत कम हो जाएगी जो वर्तमान में लगभग 70 प्रतिशत है।

यह योजना न केवल विदेशी निवेश को आकर्षित करेगी, बल्कि भारत में जटिल और उच्च तकनीक वाले उत्पादों, उभरते उपचारों और इन व्रिटो डायग्नोस्टिक उपकरणों के विकास को भी बढ़ावा देगी।

योजना का लाभ योजना के रोलआउट की गति और भारतीय दवा कंपनियों के हित का एक कार्य होगा।

एजेंसी ने कहा कि इस योजना से एपीआई निर्माताओं को उनके पूर्व नियोजित बुनियादी ढांचे के साथ आवश्यक बुनियादी ढांचे को स्थापित करने के लिए अतिरिक्त लाभ होगा।

जबकि, फॉमूर्लेशन निर्माताओं के लिए लाभ सीमित होगा, क्योंकि उद्योग के आकार की तुलना में, प्रोत्साहन उनके लिए मूल्य श्रृंखला को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त मजबूत होने की संभावना नहीं है।

बल्क ड्रग पार्क बुनियादी सुविधाओं को एकीकृत करने में मदद करेंगे, जिससे एपीआई की निर्माण लागत कम होगी। इंड-रा का मानना है कि अगर बुनियादी ढांचे और अनुमोदन के मुद्दों को संबोधित करने के लिए बल्क ड्रग पार्क स्थापित किए जाते हैं, तो इससे व्यापार करने में आसानी होगी।

एजेंसी का मानना है कि पीएलआई योजना चीन पर भारत की निर्भरता को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, हालांकि इस योजना का लाभ पांच से सात साल बाद दिखाई देगा।

चीन से बार बार कच्चे माल की आपूर्ति में व्यवधान भारत सहित वैश्विक फार्मा कंपनियों के लिए चिंता का कारण रहा है, क्योंकि चीन पर उनकी अत्यधिक निर्भरता है।

बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपनी आपूर्ति को निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए एक विकल्प की तलाश शुरू कर दी है।

सरकार के अनुमान के मुताबिक, इस योजना से घरेलू दवा क्षेत्र में 150 अरब रुपये का निवेश आने की उम्मीद है।

–आईएएनएस

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