नई दिल्ली, 16 जनवरी (आईएएनएस)| दूरसंचार कंपनियों को बड़ा झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एडजेस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) मामले में अपने फैसले को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एस.ए. नजीर और एम.आर. शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने पुनर्विचार याचिकाओं में कोई योग्यता नहीं पाई और इसे खारिज कर दिया।
शीर्ष कोर्ट द्वारा महत्वपूर्ण याचिका को खारिज किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए एयरटेल ने निराशा जताई और कहा कि वह क्यूरेटिव याचिका के लिए विचार कर रहा है।
दूरसंचार कंपनियों के लिए 1.47 लाख करोड़ रुपये के अंतिम भुगतान की तिथि 23 जनवरी है।
नवंबर में दूरसंचार मंत्रालय ने संसद को बताया कि दूरसंचार कंपनियों पर लाइसेंस शुल्क (एलएफ) और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) में लगभग 1.47 लाख करोड़ रुपये का बकाया है।
कुल राशि को दो हिस्सों में विभाजित किया गया है। जुलाई 2019 तक लाइसेंस शुल्क 92,642 करोड़ रुपये और एसयूसी अक्टूबर 2019 तक 55,054 करोड़ रुपये है।