उल्फा (आई) के शीर्ष नेता ने 4 सहयोगियों समेत किया आत्मसमर्पण

नई दिल्ली, 12 नवंबर (आईएएनएस)। प्रतिबंधित उग्रवादी समूह उल्फा (आई) के शीर्ष नेता ²ष्टि राजखोवा ने अपने 4 सहयोगियों के साथ मेघालय में भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। राजखोवा को परेश बरूआ का करीबी विश्वासपात्र माना जाता है, जो कि यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (स्वतंत्र) यानि कि उल्फा (आई) का स्व-घोषित कमांडर-इन-चीफ हैं।

4 सहयोगियों की पहचान एस.एस. कॉर्पोरल वेदांत, यासीन असोम, रोपज्योति असोम और मिथुन असोम के रूप में की गई है। इन सभी ने भारी मात्रा में हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया है। इन्होंने दक्षिण गारो हिल्स में बोल्बोगरे गांव के पास हुई एक छोटी मुठभेड़ के बाद आत्मसमर्पण कर दिया।

भारतीय सेना ने कहा कि यह मेघालय-असम- बांग्लादेश सीमा पर भारतीय सेना की खुफिया एजेंसियों द्वारा तेजी से किया गया और सुनियोजित ऑपरेशन था। राजखोवा अक्सर भारत-बांग्लादेश सीमा पार करता रहा है और कई बार सुरक्षा बलों से बचने में कामयाब रहा है। इस बार उसे बांग्लादेश में जाफलोंग के आसपास देखा गया था। ढाका में पाकिस्तान रक्षा के अटेची ब्रिगेडियर एजाज हाल के महीनों में पूर्वोत्तर के विद्रोही नेताओं के साथ बैठकें कर रहा था।

भारतीय सेना ने कहा, इनपुट्स की पुष्टि करने के बाद यह ऑपरेशन किया गया, इस पर नौ महीने से लगातार काम चल रहा था।

²ष्टि राजखोवा लंबे समय से उल्फा विद्रोहियों की मोस्ट वॉन्टेड की सूची में थे, जो निचले असम में गतिविधियों के लिए जिम्मेदार हैं। उसका आत्मसमर्पण भूमिगत संगठन के लिए एक बड़ा झटका है। साथ ही यह इस क्षेत्र में शांति के लिए एक नई सुबह की शुरूआत भी है।

–आईएएनएस

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