उप्र विधान परिषद में गूंजा अलीगढ़ का मुद्दा

 लखनऊ, 24 फरवरी (आईएएनएस)| विधान परिषद में सोमवार को अलीगढ़ का मुद्दा गूंजा। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने कहा शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन कर रह महिलाओं पर सरकार ने लाठी चार्ज किया और आंसूगैस के गोले छोड़े।

  वहां दहशत का माहौल है और कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। सपा सदस्य सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए और सरकार से इस पर बयान देने की बात करने लगे। इसके साथ ही राजधानी लखनऊ में हुई हत्या, प्रदेश की नदियों में बढ़ रहे प्रदूषण और राजकीय शिक्षकों की भांति सहायिक विद्यालयों के शिक्षकों को भी नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के मामले उठे।

सदन की कार्यवाही 11 बजे शुरू हुई। पहले तीन प्रश्न हुए। शशांक यादव ने मुख्यमंत्री से जानना चाहा कि राज्य में फिल्मों को अनुदान देने व टैक्स फ्री करने की क्या नीति है। सरकार ने बताया कि वर्ष 2019-20 में चार को टैक्स फ्री और बीस फिल्मों को अनुदान दिया गया। शशांक ने कहा कि आखिर उत्तर प्रदेश जुड़ी एक घटना पर बनी फिल्म ‘छपाक’ को टैक्स फ्री क्यों नहीं किया गया। चार प्रश्न हो जाने के बाद साढ़े 11 बजे सपा सदस्य नरेश उत्तम ने सीएए और एनआरसी के विरोध में अलीगढ़ में हुए मामले को उठाया।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि घटना काफी गंभीर है। सरकार को स्वत: ही बयान देना चाहिए। वहां हालात बेकाबू है। महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ है। लाठी चार्ज किया गया। सरकार वहां डिक्टेटरशिप चला रही है। दहशत का माहौल है। कानून व्यवस्था ध्वस्त है। प्रदेश जल रहा है।

सत्तापक्ष ने पूछा कि मामला किस नियम के तहत उठाया है? सभापति रमेश यादव ने कहा कि यह प्रश्न प्रहर चलने दें, यह मामला सदस्य शून्य प्रहर में उठा सकते हैं। वावजूद इसके सदस्य नहीं माने और वेल में आ गए और ‘लाठी-गोली की सरकार और जहरीली बोली की सरकार नहीं चलेगी’ के नारे लगाने लगे। सभापति ने सदन को बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

शून्य प्रहर में सदन की शुरुआत अधिष्ठाता सुरेश त्रिपाठी के सभापतित्व में शुरू हुई। भाजपा सदस्य विजय बहादुर पाठक ने नियम 115 के अंतर्गत सूचना दी कि आजमगढ़ के आराजीबाग में डॉ. अम्बेडकर पुस्तकालय भवन पिछले 18 वर्षो से रुका पड़ा है। इसके निर्माण के लिए 25 अगस्त 1997 में 85़ 35 लाख रुपये आवंटित किए जा चुके हैं। पाठक ने इसे पूर्ण कराए जाने तथा पूर्व में बने अधूरे भवन की मरम्मत भी कराए जाने की मांग की।

शून्य प्रहर में सपा के अहमद हसन, बलराम यादव, राम सुंदर दास निषाद, शषांक यादव एवं अन्य सदस्यों ने कानून व्यवस्था का मामला उठाते हुए राजधानी लखनऊ में बीती 20 फरवरी को दिनदहाड़े अलकनंदा अपार्टमेंट के गेट पर हुई हत्या का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया।

कांग्रेस के दीपक सिंह एवं नसीमुद्दीन सिद्दीकी की नियम-110 की सूचना को इसी के साथ अधिष्ठाता ने संबद्ध कर दिया। ग्राह्यता पर सपा के आनंद भदौरिया, रामसुंदर दास निषाद, नेता विरोधी दल अहमद हसन, कांग्रेस के नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने विचार व्यक्त किए। नेता सदन एवं उपमुख्यमंत्री डा़ॅ दिनेश शर्मा ने सदन को तथ्यों से अवगत कराया। सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने वाकआउट किया।