उप्र में यातायात नियम तोड़ने पर बढ़ा जुर्माना घटाने की तैयारी

इस मामले पर परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अशोक कटारिया ने आईएएनस से कहा, “सरकार जनता को राहत देने के लिए काम कर रही है। यातायात अपराधों पर लगने वाले जुर्माने की दरों के पुनर्निर्धारण पर विचार किया जा रहा है। जो फैसला जनता के हित में होगा, उसी पर अमल किया जाएगा।”

उप्र में भी कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिससे सरकार को नुकसान हो सकता है। कुछ अधिकारी दबी जुबां में इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि हर चीज मनमाने ढंग से किया जा रहा है।

एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि जुर्माने की दरें बढ़ने से घूसखोरी बढ़ रही है और चालान काटने के नाम पर कई जगह उगाही होती है। हर जगह इसे रोका नहीं जा सकता। कई ऐसे हाईवे और चौराहे हैं, जहां मनमाने ढंग से चालान काटे जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि शहर से लगे गांवों में ट्रैक्टरों के चालान काटे जाने से किसानों में भी नाराजगी पैदा हो रही है। एक तरफ सरकार किसानी हितैषी बन रही है तो दूसरी तरफ चालान कटवा रही है। इसके नियमों में शिथिलता जरूरी है। जो जरूरी पहलू हैं, उसमें कड़ाई से पालन करवाया जाए तो ठीक है। लेकिन बहुत ज्यादा मामले में चप्पल पहनने पर भी चालान कटा है। यह कहां तक ठीक है? ऐसी कई खामियां देखने को मिल रही हैं। ऐसे में अगर इसे कम न किया गया तो आगे चलकर यह सरकार के लिए मार्ग अवरोधक कदम साबित होगा।

केंद्रीय एक्ट में राज्य सरकारों को शमनीय अपराधों के लिए केंद्र द्वारा निर्धारित जुर्माने की दर को अपने स्तर पर घटाने-बढ़ाने का अधिकार है। हालांकि, प्रदेश में अब भी उसी दर से जुर्माना लिया जा रहा है, जो प्रदेश सरकार ने बीते जून में लागू किया था।

परिवहन विभाग के एक उच्च अधिकारी ने कहा कि जून में लागू जुर्माने की दर को संशोधित करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसे जल्द कैबिनेट में लाया जा सकता है। संशोधित दर में आम लोगों को पहले की तुलना में कुछ राहत दी जाएगी।