उप्र : महिलाओं और बच्चों को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए बनेंगे 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट

लखनऊ, 9 दिसम्बर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को लोकभवन में कैबिनेट की बैठक हुई। इस दौरान महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों के मामलों में दोषियों को जल्द सजा दिलाये जाने के लिए 218 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट खोले जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट की बैठक में 33 अहम प्रस्तावों को मंजूरी मिली है। लोक भवन में सोमवार को हुई बैठक के बाद प्रदेश सरकार के प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के साथ कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक व नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने फैसलों की जानकारी दी।

कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “इन अदालतों में सिर्फ महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराध के मामलों की सुनवाई होगी। जिसमें 144 कोर्ट महिलाओं और 74 कोर्ट बच्चों के मामलों की सुनवाई करेगी। इन अदालतों पर 75 लाख रुपये प्रति कोर्ट खर्च आने का अनुमान है।”

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने पत्रकारों से बताया, “गौतमबुद्धनगर जिले के जेवर क्षेत्र में बनाये जाने वाले इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए बिडिंग प्रक्रिया के आधार पर चुने गए विकासकर्ता के चयन पर मुहर लग गई है।”

उन्होंने कहा कि पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे परियोजना को बलिया से जोड़ने के लिए बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे के परियोजना विकास व डीपीआर बनाने के लिए परामर्शी चयन को भी मंजूरी मिल गई है।

कैबिनेट में अयोध्या, गोरखपुर व फिरोजाबाद नगर निगम के सीमा विस्तार को भी मंजूरी दी गई है, जिसके तहत अयोध्या में 41 गांव, गोरखपुर में 31 गांव और फिरोजाबाद में एक गांव शामिल किए जाने का प्रस्ताव पास हुआ है। लखनऊ हाईकोर्ट के ट्रांजिट गेस्ट हाउस के उच्चीकरण का प्रस्ताव पास हुआ है। जिसमें 22.22 लाख रुपये का खर्चा आएगा।

वहीं पर्यावरण संरक्षण के लिए भी एक प्रस्ताव पारित किया गया है, जिसके तहत आम, नीम, महुआ समेत 29 पेड़ों की प्रजातियों को काटने से पहले इसकी मंजूरी लेनी पड़ेगी। इसके अलावा एक पेड़ काटने के लिए 10 पेड़ लगाने पड़ेंगे।

इसके अलावा, कैबिनेट औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नियमावली 2003 में संशोधन कर नियमावली के तहत वैट के रूप में प्राप्त होने वाले लाभ एसजीएसटी के रूप में दिलाने की व्यवस्था का प्रस्ताव भी पास हुआ।

वहीं ईएनए (एक्सट्रा न्यूट्रल एल्कोहल) पर 5 प्रतिशत वैट लगाने का प्रस्ताव भी पास हुआ। राज्य सरकार अब इस पर कर लगाएगी।

इसके अलावा शासकीय भवनों के निर्माण कार्य को लेकर भी प्रस्ताव पास हुआ। अब 50 करोड़ के ऊपर की लागत से बनने वाले भवनों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पीडब्ल्यूडी तैयार करेगा।

कैबिनेट में नगरीय परिवहन प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए पीपीपी मोड में ग्रॉस कॉस्ट कांट्रैक्ट मॉडल पर लखनऊ, मेरठ, प्रयागराज, आगरा, गाजियाबाद, कानपुर, वाराणसी, मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी, बरेली, गोरखपुर, शाहजहांपुर तथा मथुरा-वृंदावन में वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों के संचालन संबंधी प्रस्ताव को पास किया गया है। यह योजना केंद्र सरकार की मदद से संचालित होगी।