उप्र : भू-माफियाओं पर धरा ऐप कसेगा नकेल

लखनऊ, 12 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में भू-माफियाआंे पर नकेल कसने के लिए धरा ऐप तैयार किया गया है। मुजफ्फरनगर की जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जयराजन ने धरा भू-माफिया विरोधी सॉफ्टवेयर तैयार कराया है। इस सॉफ्टवेयर में ग्राम समाज सहित सभी सरकारी जमीनों, तालाब, खेत-खलिहान और चारागाहों का ब्यौरा दर्ज होगा, जिसके चलते कोई भू-माफिया किसी सरकारी जमीन को ना तो बेच सकेगा और ना ही उस पर कब्जा कर सकेगा।

इस भू-माफिया विरोधी सॉफ्टवेयर को मकर संक्रांति के दिन मुजफ्फरनगर की डीएम सेल्वा कुमारी जयराजन आधिकारिक रूप से लॉन्च करेंगी। उनका दावा है कि साफ्टवेयर के चलते मुजफ्फरनगर में कोई भू-माफिया किसी सरकारी जमीन, तालाब, तथा चारागाह पर कब्जा नहीं कर सकेगा। जिन सरकारी जमीनों पर भू-माफिया ने कब्जा किया है, उन्हें भी खाली कराने में यह सॉफ्टवेयर बहुत उपयोगी साबित होगा।

सेल्वा कुमारी जयराजन के अनुसार, धरा ऐप भू-माफिया विरोधी सॉफ्टवेयर जीआईएस बेस पर आधारित है। इसमें गूगल मैपिंग के जरिये ग्राम समाज भूमि, तालाब, चारागाह आदि का ब्यौरा दिखेगा। जिले में कितनी सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हुआ है और कितनी जमीन अतिक्रमण मुक्त है, किस-किस सरकारी जमीन पर कोर्ट में सुनवाई हो रही है और कितनी सरकारी जमीन को लीज पर दिया गया है इसका भी उल्लेख होगा। विकास प्राधिकरणों का मास्टर प्लान भी सॉफ्टवेयर के जरिये देखा जा सकेगा। प्राधिकरण के अधीन कुल कितनी ग्रीन बेल्ट हैं इस साफ्टवेयर के जरिये यह भी पता चलेगा कि कौन सी जमीन पर निर्माण हो सकेगा और किसी जमीन पर नहीं। इस जानकारी के चलते कोई भू-माफिया ग्रीन बेल्ट की जमीन को गलत तरीके से ना तो बेच सकेगा और ना ही उसपर कब्जा कर सकेगा।

जयराजन का कहना है कि गांव में भी ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा करने वालों के खिलाफ इस सॉफ्टवेयर के चलते कार्रवाई करने में प्रशासन को आसानी होगी। इसके चलते जिले में जमीनी विवाद और अतिक्रमण की समस्या का स्थायी समाधान किया जा सकेगा। ग्राम समाज की जमीन का समूचा ब्यौरा गूगल मैप के जरिये इस सॉफ्टवेयर में दर्ज होने के चलते यह संभव होगा। ऐसे में जब भी ग्राम समाज की जमीन को कोई भू-माफिया बेचने का प्रयास करेगा तो वह प्रकरण राजस्व विभाग के संज्ञान में आ जाएगा और राजस्व विभाग के अफसर भू-माफिया के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करेंगे।

वर्ष 2006 बैच की आईएएस अफसर सेल्वा कुमारी जयराजन कासगंज, कन्नौज, बहराइच, एटा, फतेहपुर, इटावा और फिरोजाबाद में भी डीएम रहीं हैं। इन सभी जिलों में उन्होंने यह पाया था कि गांव में ग्राम समाज की भूमि पर भू-माफिया कब्जा कर उसे बेच देते हैं और बाद में जब ऐसे प्रकरणों की शिकायत राजस्व विभाग को मिलती है तो कार्रवाई की जाती है। ऐसे मामलों का संज्ञान लेते हुए ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कारवाई करने के निर्देश दिए हुए हैं।

ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य में माफियाओं-अपराधियों से मुक्त कराई गई जमीन पर जिलों में उद्योग-धंधे लगाने की योजना तैयार की जा रही है। जिसके तहत प्रदेश सरकार ने हर जिले में एक लैंड बैंक बनाकर जमीन और संपत्तयिों की जियो टैंगिंग करने की तैयारी शुरू की है।

–आईएएनएस

विकेटी-एसकेपी