राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि महामारी को रोकने के लिए राज्य ने बढ़िया रणनीति बनाते हुए काम किया, जिसके कारण यहां पर रिकवरी रेट ज्यादा और मृत्यू दर कम रही।
केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि 18 से 45 आयु वर्ग के उन युवाओं को भी कोविड-19 वैक्सीन लेने की अनुमति देनी चाहिए, खासकर जिन्हें टाइप-1 डायबिटीज, उच्च रक्तचाप की समस्या या दिल की बीमारी हो। साथ ही ऑटो-इम्यून बीमारियों वाले रोगियों का भी टीकाकरण करने की अनुमति दी जा सकती है।
इस मामले में सरकार शिक्षकों और बैंकिंग कर्मचारियों जैसे पेशेवरों को भी टीकाकरण में शामिल करने पर विचार कर रही है। बता दें कि हर्ड इम्युनिटी के लिए उप्र को अपनी 22.79 करोड़ आबादी में से 30 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण करना होगा, जो कि लगभग 6.8 करोड़ है। वहीं राज्य में अब तक करीब 34 लाख लोगों को टीकाकरण किया गया है, जो कि तय किए गए लक्ष्य का लगभग 5 प्रतिशत है।
–आईएएनएस
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