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झांसी पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, 19 मार्च को इन युवकों ने उत्कल एक्सप्रेस में सफर कर रही नन और कुछ किशोरियों के साथ दुर्व्यवहार किया था। अरजरिया और अमारिया इन ननों के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे थे।
बता दें कि दो नन- लिविया थॉमस और हेमलता अपने साथ दो और किशोर लड़कियों श्वेता और वितरंग के साथ दिल्ली से राउरकेला जा रही थीं। इसी ट्ेरेन के एक दूसरे डिब्बे में एबीवीपी के नेता अजय शंकर तिवारी भी अगले कंपार्टमेंट में यात्रा कर रहे थे। ननों के साथ 2 लड़कियों को देखकर उन्होंने झांसी जीआरपी को धार्मिक कनवर्जन को लेकर संदेह जाहिर किया।
तिवारी की शिकायत पर झांसी पहुंचने पर इन चारों से करीब 3 घंटे तक पूछताछ की गई उनके खिलाफ की गई शिकायत को निराधार पाया गया। लिहाजा उन सभी को छोड़ दिया गया। लेकिन इस घटना के कारण राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश फैल गया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मामले में कार्रवाई करने का वादा करना पड़ा।
–आईएएनएस
एसडीजे /आरजेएस