अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी के अनुसार इस काम के पूरा होने में करीब 2 साल लगेंगे। उन्होंने कहा, इन जेलों में सीसीटीवी कैमरों के नेटवर्क के साथ-साथ सुरक्षा और निगरानी के लिए हाई-एंड गैजेट्स भी होंगे। जेल कर्मचारियों को इन हाई-एंड इक्विपमेंट को संभालने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
इन जेलों में जो उपकरण लगाए जाएंगे, उनमें नॉन-लीनियर जंक्शन डिटेक्टर (यह फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का पता लगाता है), डबल व्यू बैगेज स्कैनर, मानव शरीर स्कैनर, हाथ से पकड़कर इस्तेमाल किए जाने वाले मेटल डिटेक्टर और ड्रोन कैमरे आदि शामिल हैं।
बता दें कि मार्च 2017 में पदभार संभालने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जेलों के अंदर से अपने गिरोह का संचालन करने वाले उन कैदियों की गतिविधियों की जांच करने के लिए जेलों में मोबाइल जैमर लगाने की कवायद में जुटे हैं।
इसके अलावा राज्य सरकार ने कैदियों और उनके आगंतुकों के बीच किसी भी तरह के शारीरिक संपर्क को रोकने के लिए कॉन्सर्टिना वायर फेंसिंग के साथ-साथ ग्लास मीटिंग रूम बनाने की भी योजना बनाई है।
–आईएएनएस
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