ईडी ने फिर अनिल देशमुख के घर पर छापा मारा, महाविकास अघाड़ी का भाजपा, केंद्र पर हमला (लीड-1)

नागपुर/मुंबई, 25 जून (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमों ने 60 दिनों में दूसरी बार पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ दायर एक कथित भ्रष्टाचार के मामले में नागपुर और मुंबई के आवासों सहित चार स्थानों पर छापेमारी की।

मई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के एक वरिष्ठ नेता देशमुख के खिलाफ दर्ज किया गया था तब

मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच के तहत कम से कम चार स्थानों पर छापेमारी की गई थी।

इससे पहले 24 अप्रैल को कई शहरों में देशमुख के करीब 10 ठिकानों पर 24 अप्रैल को ईडी ने छापेमारी की थी और मामला दर्ज होने के बाद उन्हें कई घंटों तक हिरासत में रखा गया था।

इससे पहले, 6 अप्रैल को, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रारंभिक जांच दर्ज की थी, जिसमें एजेंसी को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार और कार्यालय के दुरुपयोग के आरोपों की जांच करने के लिए कहा गया था।

सुबह में छापेमारी शुरू होने के तुरंत बाद सत्तारूढ़ एमवीए सहयोगी शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस ने विपक्षी दलों को परेशान करने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने के लिए केंद्र और भाजपा पर हमला बोला।

शिवसेना सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत के अलावा राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री जयंत पाटिल ने केंद्र पर विपक्षी दलों और उनके नेताओं को निशाना बनाने के लिए विभिन्न जांच एजेंसियों का लगातार दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।

कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने जानना चाहा कि अनिल देशमुख के आवास पर छापेमारी के दौरान ईडी क्या खोज करने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि परम बीर सिंह और बर्खास्त सिपाही सचिन वाजे दोनों ने कभी नहीं कहा कि पैसा दिया गया था।

सावंत ने कहा, अगर ईडी को लगता है कि पैसा दिया गया था, तो वाजे और सिंह पर छापेमारी क्यों नहीं की गई, जिन्होंने कथित तौर पर पैसा दिया था ? लोकतंत्र की दुखद स्थिति हमें लोकतंत्र को बचाना चाहिए।

उन्होंने खेद व्यक्त किया कि सभी राष्ट्रीय जांच एजेंसियों ने मोदी सरकार के सामने अपनी आजादी का आत्मसमर्पण कर दिया है और विपक्ष के खिलाफ राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

सावंत ने तीन सत्तारूढ़ सहयोगियों से अपने नेताओं को प्रताड़ित करके एमवीए को बदनाम करने की इस चाल का एक साथ विरोध करने का आह्वान किया।

राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि जहां पूरी राज्य सरकार आगामी कोविड -19 तीसरी लहर की चुनौतियों से निपटने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है, वहीं केंद्र ढीली केंद्रीय एजेंसियों को विपक्ष के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति करने दे रहा है।

नागपुर में राकांपा कार्यकर्ताओं के एक बड़े समूह ने भाजपा और केंद्र के खिलाफ ईडी, सीबीआई, एनआईए आदि जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का विपक्षी नेताओं को पकड़ने के लिए दुरुपयोग करने के लिए जोरदार विरोध दर्ज कराया और नारे लगाए।

–आईएएनएस

एचके/आरजेएस