इस्लामाबाद के मास्टर प्लान में अब तक 43 बार बदलाव

इस्लामाबाद, 18 जनवरी (आईएएनएस)| पाकिस्तान की अलग-अलग सरकारों ने समय-समय पर विशेषज्ञों के इनपुट लिए बिना ही राजधानी इस्लामाबाद 1960 के मास्टर प्लान में 43 बदलावों को मंजूरी दी। डॉन के अनुसार, अलग-अलग समय पर सरकारों द्वारा 43 प्रमुख संशोधन किए गए, जबकि मास्टर प्लान तैयार करने वाली ग्रीक फर्म ‘डोक्सीडियास एसोसिएट्स’ ने सिफारिश की थी कि इसे बदलती जरूरतों के अनुसार हर 20 साल के बाद संशोधित किया जाना चाहिए।

पाकिस्तान के समाचार पत्र के अनुसार, विशेषज्ञों की सेवाओं को किराए पर लेने के उचित तरीके को अपनाने के बजाय सरकारों ने मास्टर प्लान में खुद से बदलाव किए।

हालांकि, प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार ने दिसंबर 2018 में एक आयोग का गठन किया और अब एक सलाहकार को संशोधन के लिए काम पर रखा जा रहा है।

डॉन के मुताबिक, एक अधिकारी ने कहा, “कानून के अनुसार, हम यह नहीं कह सकते हैं कि ये संशोधन अवैध हैं क्योंकि संशोधनों को मंजूरी देने के लिए कैबिनेट (मंत्रिमंडल) सर्वोच्च निकाय है। लेकिन मास्टर प्लान का एक उचित संशोधन उचित आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन करने के लिए भी किया जाना चाहिए।”

दस्तावेजों से ज्ञात होता है कि मास्टर प्लान में पहला संशोधन 1964 में उस वक्त किया गया, जब कायद-ए-आजम विश्वविद्यालय (क्यूएयू) के लिए साइट को रावल झील के राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र से दक्षिण में आज के वर्तमान स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया था।

वर्ष 1969 में जिन्ना एवेन्यू के साथ-साथ विकसित होने वाले केंद्रीय व्यापार जिले को एफ-10 के विकास के लिए बदल दिया गया था। पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पिम्स) को राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के पास चक शहजाद में स्थापित किया जाना था, लेकिन 1974 में इसका स्थान जी-8 में स्थानांतरित कर दिया गया।