आज खुश तो बहुत होंगे अलोकनाथ

पुणे समाचार

फ़िल्म अभिनेता आलोक नाथ आजकल बहुत खुश हैं। ख़ुशी इस बात की नहीं है कि उन्हें किसी नई फिल्म में रोल मिल गया है बल्कि इस बात की है कि कई सालों बाद उन्हें कुछ ऐसा करने को मिला है जिसे वो हमेशा से करना चाहते थे।

फ़िल्म ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ में अपने किरदार से आलोकनाथ बेहद खुश हैं, कई मौकों पर अपनी ये ख़ुशी वे बयां भी कर चुके हैं। नाथ की ख़ुशी इसलिए भी दोगुनी हो गई है क्योंकि फ़िल्म हिट रही और दर्शकों ने उनके काम को खूब सराहा। अब तक हम आलोक नाथ को एक आदर्श बाबूजी के रूप में देखते आ रहे हैं। यही वजह है कि जब उनके बेटे को ड्रिंक एंड ड्राइव के मामले में पकड़ा गया, तो लोगों ने उनके आदर्श पर सवाल उठाए। आलोक नाथ कई बार यह साफ कर चुके हैं कि वो फिल्मों के आदर्श बाबूजी बनकर ही नहीं रहना चाहते, वो नई-नई भूमिकाओं में नज़र आना चाहते हैं, मगर कोई उन्हें ऐसे रोल देता ही नहीं। पिछले कुछ सालों में ‘आदर्श बाबूजी’ का टाइटल आलोक नाथ की छवि के साथ इस कदर जुड़ गया कि निर्माता-निर्देशक उन्हें किसी और रूप में देखने को तैयार ही नहीं थे।

आलोक नाथ के करीबियों की अगर मानें, तो उन्होंने कई बार खुद आगे बढ़कर सामान्य किरदार की मांग की, लेकिन निर्माता-निर्देशकों ने यह कहकर इंकार कर दिया कि दर्शकों को पसंद नहीं आएगा। इसलिए जब निर्देशक एवं निर्माता लव रंजन ने उन्हें ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ ऑफर की तो वे तुरंत तैयार हो गए। इस फिल्म में आलोक नाथ एक मस्तमौला बुज़ुर्ग की भूमिका में हैं। थियेटरों में उनके कई डायलॉग पर तालियां बजीं। ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ ने इस बुज़ुर्ग अदाकार के दिल में उम्मीद जगा दी है कि अब शायद उन्हें अलग-अलग रोल मिलें। आलोक नाथ एक मंझे हुए कलाकार हैं, और किसी भी किरदार को अपनी अदाकारी से जीवंत करना उन्हें बखूबी आता है। निर्माता-निर्देशक लव रंजन ने उनकी इस खूबी को पहचाना है, अब देखते हैं कि आने वाले वक़्त में आलोक नाथ को और कैसे रोल मिलते हैं।