आईयूसी कॉल पर शुल्क वसूलेगी जियो, अन्य कंपनियां कर सकती हैं 2020 का इंतजार

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)| रिलायंस जियो ने हाल ही में अप्रत्याशित निर्णय लेते हुए अपनी पूरी तरह निशुल्क वॉइस कॉल सेवाओं पर शुल्क वसूलने का फैसला किया है। कंपनी के अनुसार वह अपने उपभोक्ताओं से जियो के अतिरिक्त किसी अन्य नेटवर्क ऑपरेटर पर कॉल करने पर छह पैसे प्रति मिनट की दर से वसूली करेगी, जिससे वह इंटरकनेक्ट यूजेज चार्ज (आईयूसी) की भरपाई कर सके। एक मोबाइल ऑपरेटर के उपभोक्ता द्वारा दूसरे मोबाइल ऑपरेटर के उपभोक्ता पर कॉल करने पर पहले ऑपरेटर द्वारा दूसरे ऑपरेटर को दी जाने वाली कीमत आईयूसी है।

कंपनी ने कहा कि अपने उपभोक्ताओं को फ्री कॉल की सेवा देते समय उसने एयरटेल, वोडाफोन आईडिया और अन्य ऑपरेटरों को आईयूसी दिया है। पिछले तीन साल में रिलायंस जियो ने अबतक अन्य ऑपरेटरों को नेट आईयूसी के तौर पर 13,500 करोड़ रुपये देने का दावा किया है। लेकिन बदले में उसे उन ऑपरेटरों से कुछ नहीं मिला। उपभोक्ताओं को तब तक आईयूसी देना पड़ेगा, जबतक ट्राई इसका शुल्क जीरो पर नहीं ले आता, जिसके एक जनवरी, 2020 को आने की उम्मीद है।

लॉन्च के बाद पहली बार उपभोक्ताओं से रुपये बसूलने के फैसले के लिए जियो ने अन्य ऑपरेटर्स और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) को पूरी तरह जिम्मेदार ठहरा दिया।

जियो ने कहा, “जहां अन्य ऑपरेटर्स ने अपने 4जी उपभोक्ताओं के लिए वॉइस टैरिफ कम कर दिए हैं, वहीं उन्होंने अपने 35-40 करोड़ 2जी उपभोक्ताओं पर अत्यधिक चार्ज जारी रखा है और वॉइस कॉल के लिए टैरिफ भी 1.50 रुपये प्रति मिनट तक बढ़ा दिया है।”

कंपनी ने कहा, “जियो नेटवर्क पर फ्री वॉइस कॉल और 2जी नेटवर्क पर ऊंची दरों के कारण एयरटेल और वोडाफोन आईडिया के 35-40 करोड़ उपभोक्ता जियो उपभोक्ताओं को मिस कॉल मारते थे। जियो नेटवर्क पर प्रतिदिन 25 से 30 करोड़ मिस कॉल आते हैं। जियो पर इसके बाद इनकमिंग कॉल्स जियो से अन्य ऑपरेटर्स पर आउटगोइंग कॉल्स में बदल जाती हैं। इसका मतलब है कि 25 से 30 करोड़ मिस कॉल प्रतिदिन 65 से 75 करोड़ मिनट के इनकमिंग टैरिफ में बदल जाना चाहिए। उल्टे जियो उपभोक्ता ही 65 से 75 करोड़ आउटगोइंग टैरिफ बन जाती हैं।”